Johar Live Desk : भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। आरके सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि उन्हें पार्टी से निष्कासित क्यों न किया जाए।
आरके सिंह आरा लोकसभा सीट से पूर्व सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में बिहार विधान परिषद में एमएलसी हैं। नौकरशाह से नेता बने सिंह ने हाल ही में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
पार्टी का नोटिस
भाजपा द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि उनकी गतिविधियां पार्टी अनुशासन के खिलाफ हैं और इससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है। पार्टी ने उनसे एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।


क्यों हुई कार्रवाई?
आरके सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपने ही एनडीए गठबंधन के कुछ उम्मीदवारों को वोट न देने की अपील की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अपराधी और भ्रष्ट पृष्ठभूमि वाले लोगों को वोट देने वालों को “चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को चुनने से बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ेगा और विकास पीछे रह जाएगा।
सम्राट चौधरी पर भी आरोप
अपने वीडियो में आरके सिंह ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और एनडीए प्रत्याशी सम्राट चौधरी पर हत्या और दस्तावेज़ों की फर्जीबारी के आरोपों का भी जिक्र किया। साथ ही प्रशांत किशोर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं से जवाब या इस्तीफे की मांग की थी।

