Patna : बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी के नाम न होने के दावे ने बिहार की राजनीति में हंगामा मचा दिया है। इस मुद्दे पर रविवार को पटना में NDA के घटक दलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम पार्टी और आरएलएम के प्रवक्ताओं ने तेजस्वी पर दो वोटर आईडी (EPIC नंबर) रखने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से FIR दर्ज करने की मांग की।
तेजस्वी पर दो EPIC नंबर का आरोप
भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “तेजस्वी यादव ने सनसनी फैलाने की कोशिश की और दावा किया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। लेकिन, चुनाव आयोग ने साफ किया कि उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 204, क्रमांक 416 पर दर्ज है। तेजस्वी ने जानबूझकर दो EPIC नंबर (RAB0456228 और RAB2916120) दिखाए, जो कानूनन अपराध है। एक व्यक्ति का दो वोटर कार्ड रखना संविधान और कानून का उल्लंघन है। हम चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि तेजस्वी पर FIR दर्ज की जाए और सख्त कार्रवाई हो।”
“पहचान बदलने वाला जनादेश नहीं संभाल सकता”
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा, “पहचान बदलने वाला जनादेश क्या संभालेगा? तेजस्वी यादव के पास दो EPIC नंबर हैं, जो अलग-अलग पतों पर दर्ज हैं। यह गंभीर अपराध है। 2015 और 2020 के चुनाव में उन्होंने EPIC नंबर RAB0456228 का उपयोग किया, लेकिन अब दूसरा नंबर RAB2916120 कहां से आया? यह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है।” नीरज ने तेजस्वी पर पहले से 12 घोटालों का आरोप होने का जिक्र करते हुए इस मामले को ‘इपिक घोटाला’ करार दिया।
लोकतंत्र पर हमला या सियासी साजिश?
लोजपा (रामविलास) के प्रवक्ता राजेश भट्ट, हम पार्टी के श्याम सुंदर और आरएलएम के नितिन भारती ने भी तेजस्वी पर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करने का आरोप लगाया। राजेश भट्ट ने कहा, “तेजस्वी यादव ने मतदाता प्रणाली की निष्पक्षता को ठेस पहुंचाई है। यह लोकतंत्र पर हमला है।” वहीं, श्याम सुंदर ने चुनाव आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
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