Patna : बिहार सरकार ने राजस्व महा अभियान के तहत मृत्यु प्रमाण पत्र (DEATH CERTIFICATE) की प्रक्रिया को सरल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब पंचायत के मुखिया या सरपंच के हस्ताक्षर से अभिप्रमाणित स्व-घोषणा पत्र को मृत्यु प्रमाण पत्र के रूप में मान्य किया जाएगा। यह व्यवस्था 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलने वाले राजस्व महा अभियान के दौरान लागू होगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिला समाहर्ताओं को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि पुराने लंबित नामांतरण और बंटवारा मामलों को तेजी से निपटाने के लिए यह कदम उठाया गया है। कई मामलों में रैयत या जमाबंदीदार की मृत्यु वर्षों पहले हो चुकी होती है और उनका मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होता। ऐसे में उत्तराधिकारी द्वारा सफेद कागज पर दिए गए स्व-घोषणा पत्र को, यदि मुखिया या सरपंच द्वारा प्रमाणित किया गया हो, तो उसे मान्य किया जाएगा। इसके अलावा, यदि वंशावली में किसी सदस्य के नाम के साथ ‘मृत’ लिखा है, तो उसे भी प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
यह निर्णय 10 अगस्त को राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान, पटना में पंचायत प्रतिनिधियों के संघों के साथ हुई बैठक में लिए गए सुझावों के आधार पर लिया गया। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला समाहर्ताओं को अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस कदम से पुराने लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की उम्मीद है।
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