Patna : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान को बिहार चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है। साथ ही गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सह-प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बिहार में नाक का सवाल
243 सीटों वाले बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए (भाजपा, जदयू, लोजपा-रामविलास, हम-एस) और इंडिया महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वामदल) के बीच है। यह चुनाव दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। भाजपा ने सोच-समझकर धर्मेंद्र प्रधान को कमान दी है, जो ओडिशा में पार्टी की जीत के रणनीतिकार रहे हैं। सह-प्रभारी पाटिल और मौर्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से हैं, जो बिहार की जटिल राजनीति में ताकत बढ़ाएंगे।
नीतीश की अगुवाई में एनडीए
वर्तमान में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सत्ता में है, जिसमें भाजपा प्रमुख साझेदार है। 2020 के चुनाव में एनडीए ने महागठबंधन को हराकर जीत हासिल की थी। इस बार राजद और कांग्रेस मिलकर एनडीए को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। सभी दल चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही प्रचार में जुट गए हैं।

6 अक्टूबर को तारीखों का ऐलान संभव
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, 6 अक्टूबर के आसपास बिहार चुनाव की तारीखें घोषित हो सकती हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जल्द ही बिहार का दौरा करेंगे। इससे पहले पूरे राज्य में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
रोमांचक मुकाबला और बयानबाजी
बिहार में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। पार्टियां जनता के बीच अपनी ताकत दिखाने में जुटी हैं। नेताओं के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है। यह चुनाव न केवल सत्ता की लड़ाई है, बल्कि दोनों गठबंधनों की प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गया है।
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