Patna : बिहार में नई सरकार बनने के बाद अब विधायी गतिविधियों में तेजी आने वाली है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि विधानसभा का सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं होंगी, जिनमें नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और सरकार के विधायी कामकाज की शुरुआत शामिल है। हालिया चुनावों के बाद यह पहला मौका होगा जब सभी नए विधायक एक साथ सदन में नजर आएंगे।
1 दिसंबर : नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण
सत्र की शुरुआत 1 दिसंबर को शपथ ग्रहण से होगी। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने तैयारी पूरी कर ली है। राज्यपाल की ओर से जेडीयू के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र नारायण यादव को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। उनकी देखरेख में सभी नए विधायक शपथ लेंगे। इस बार कई नए चेहरे विधानसभा पहुंचे हैं, साथ ही कई अनुभवी नेता भी विजयी हुए हैं। युवाओं की संख्या बढ़ने से उम्मीद जताई जा रही है कि नई सोच और ऊर्जा के साथ नीति निर्माण में सुधार देखने को मिलेगा।
इसके बाद होगा विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव
शपथ ग्रहण के बाद सदन में स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया होगी। स्पीकर का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि वही सदन की कार्यवाही चलाते हैं और बहस को सही दिशा देते हैं। सत्तापक्ष में इस पद को लेकर मंथन जारी है। आमतौर पर वह नेता चुना जाता है जो संतुलित, अनुभवी और शांत स्वभाव का हो। विपक्ष भी अपना उम्मीदवार उतार सकता है, जिससे चुनाव और दिलचस्प होने की संभावना है।

विधायी कार्यों की शुरुआत
स्पीकर के चुनाव के बाद सदन में विधायी कार्य शुरू होंगे। संभावना है कि सरकार अपने कार्यकाल की प्राथमिकताओं को दिखाने वाले कुछ अहम विधेयक पेश करे। इसके साथ ही प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और विभागों की कार्यवाही की समीक्षा भी की जाएगी। विपक्ष रोजगार, कानून-व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।
सत्र के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
विधानसभा सत्र के दौरान पटना में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। विधानसभा भवन और सचिवालय परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है। मीडिया और आगंतुकों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है ताकि पूरा सत्र शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो।
Also Read : ड्राई आइज पर बढ़ती चिंता : डिजिटल स्क्रीन बढ़ा रही है खतरा

