झारखंड: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के निवासी यूसुफ अली और उनकी पत्नी सुफनी खातून ने झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इस योजना का अनुचित लाभ उठाया।
जांच में पाया गया कि यूसुफ अली के बैंक खाते से 95 और सुफनी खातून के खाते से 94 फर्जी आवेदन किए गए थे, जिनमें से अधिकांश आदिवासी नामों जैसे ‘मुर्मू’, ‘हांसदा’ और ‘मंडल’ के साथ प्रस्तुत किए गए थे। इन आवेदनों में फर्जी राशन कार्ड और अन्य दस्तावेजों का उपयोग किया गया था। सभी आवेदन पलामू जिले के डालटेनगंज स्थित एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से किए गए थे।
बोकारो की उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन के दौरान यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि एक ही बैंक खाता संख्या का उपयोग कर अलग-अलग नामों से कुल 95 बार आवेदन किए गए थे।
इस मामले में गोमिया थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है, और पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। साथ ही, जिला प्रशासन ने योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया है।
प्रशासन की कार्रवाई और आगे की योजना
राज्य सरकार ने योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। जब तक पूरी जांच नहीं होती, तब तक योजना की राशि का भुगतान रोक दिया गया है।
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