Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    2 Aug, 2025 ♦ 12:04 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: राज्य सरकारें खनिज युक्त भूमि पर केंद्र से वसूल सकती हैं पिछला बकाया कर
    जोहार ब्रेकिंग

    सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: राज्य सरकारें खनिज युक्त भूमि पर केंद्र से वसूल सकती हैं पिछला बकाया कर

    Team JoharBy Team JoharAugust 14, 2024No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को खनिज समृद्ध राज्यों को एक महत्वपूर्ण वित्तीय राहत प्रदान करते हुए उन्हें केंद्र सरकार और पट्टा धारकों से एक अप्रैल 2005 से बकाया रॉयल्टी और कर वसूलने की अनुमति दे दी. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनाया. इस निर्णय के तहत राज्य सरकारें अब खनिज युक्त भूमि पर बकाया रॉयल्टी और कर वसूल सकती हैं, लेकिन इसे अगले 12 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से वसूला जाएगा. अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्यों को पूर्वव्यापी मांगों पर जुर्माना या अतिरिक्त कर नहीं लगा सकता.

    रॉयल्टी को कर की प्रकृति का बताया

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 25 जुलाई 2024 का फैसला, जिसमें राज्यों के खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने की विधायी क्षमता को मान्यता दी गई थी, का पूर्वव्यापी प्रभाव होगा. यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा खनिज समृद्ध राज्यों की ओर से 1989 से खदानों और खनिज युक्त भूमि पर लगाई गई रॉयल्टी वापस करने की मांग वाली याचिका के विरोध के बावजूद आया. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि खनन पट्टाधारकों द्वारा केंद्र को दी जाने वाली रॉयल्टी कर नहीं है और खान व खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 राज्यों के कर लगाने के अधिकार को सीमित नहीं करता है. हालांकि, न्यायमूर्ति नागरत्ना ने बहुमत के विचार से असहमति जताते हुए रॉयल्टी को कर की प्रकृति का बताया और कहा कि इससे राज्यों में खनन पट्टे प्राप्त करने के लिए अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा और खनन गतिविधियों में मंदी आ सकती है.

    केंद्र खनन खनिज युक्त भूमि फैसला बकाया वसूल सुप्रीम कोर्ट
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleसुप्रीम कोर्ट ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री को हटाया, जानें क्या है वजह
    Next Article कार में ले जा रहे थे अंग्रेजी शराब की खेप, गिरिडीह पुलिस के हत्थे चढ़े दो अपराधी

    Related Posts

    जोहार ब्रेकिंग

    बुजुर्ग का पैसों भरा झोला लेकर हो गये थे फरार, पुलिस ने दो को दबोचा

    August 1, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    अलमारी से मां के जेवर चुराकर बेच दिया दोस्तों को, 12 घंटे के भीतर पुलिस ने बेटा सहित तीन को दबोचा

    August 1, 2025
    खूंटी

    खूंटी पुलिस को डकैतों और अफीम तस्कर के खिलाफ मिली कामयाबी, 1.65 करोड़ का डोडा व हथियार जब्त

    August 1, 2025
    Latest Posts

    आदिवासी महोत्सव 2025 की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने की समीक्षा बैठक…

    August 1, 2025

    बुजुर्ग का पैसों भरा झोला लेकर हो गये थे फरार, पुलिस ने दो को दबोचा

    August 1, 2025

    अलमारी से मां के जेवर चुराकर बेच दिया दोस्तों को, 12 घंटे के भीतर पुलिस ने बेटा सहित तीन को दबोचा

    August 1, 2025

    टाटा स्टील का नया अधिग्रहण, खरीदी टीएसएन वायर्स की 100% हिस्सेदारी…

    August 1, 2025

    पूर्व सैनिक और बैंककर्मी के घर लाखों की संपति चोरी…

    August 1, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.