Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालयों में कार्यरत डेमोंस्ट्रेटरों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा को फिर से 65 वर्ष कर दिया है। पहले राज्य सरकार ने इसे घटाकर 60 वर्ष कर दिया था, जिसके खिलाफ कई डेमोस्ट्रेटरों ने याचिका दायर की थी। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनाया। याचिकाकर्ता ब्रजेश कुमार वर्मा, भुवनेश्वर प्रसाद गुप्ता और अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार ने 2011 में जो गजट नोटिफिकेशन जारी किया, उसमें उसे लागू करने की तारीख स्पष्ट नहीं थी, इसलिए वह मान्य नहीं है।
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता श्रेष्ठ गौतम ने कोर्ट को बताया कि पहले डेमोस्ट्रेटर को शिक्षक की श्रेणी में माना जाता था, इसलिए उनकी रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष थी। लेकिन 2011 के सरकारी संकल्प के तहत उन्हें गैर-शैक्षणिक श्रेणी में डाल दिया गया, जिससे उनकी रिटायरमेंट उम्र 60 वर्ष कर दी गई। कोर्ट ने माना कि यह संकल्प पूर्व से कार्यरत डेमोंस्ट्रेटरों पर लागू नहीं होता है, इसलिए सरकार का उन्हें 60 वर्ष में सेवानिवृत्त करना गलत है।
अब कोर्ट के आदेश के बाद डेमोंस्ट्रेटरों की सेवानिवृत्ति की उम्र फिर से 65 वर्ष हो गई है। यह फैसला राज्य के सैकड़ों डेमोंस्ट्रेटरों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
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