Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में सक्रिय नक्सलियों ने छह महीने तक युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा की है। यह जानकारी तेलंगाना कैडर के नक्सली प्रवक्ता ‘जगन’ द्वारा जारी एक पर्चे से सामने आई है। तेलुगु भाषा में जारी इस पर्चे में लिखा गया है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और कविता द्वारा शांति वार्ता की पहल को नक्सलियों ने “गर्व की बात” बताया है। साथ ही कहा गया है कि समाज के कई बुद्धिजीवी और प्रसिद्ध हस्तियां भी इस पहल को समर्थन दे रहे हैं।
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) – तेलंगाना राज्य समिति
प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक: 5 जुलाई 2025
तेलंगाना राज्य में जनता, लोकतंत्रवादी संगठन, जन संगठनों और अधिकांश राजनीतिक पार्टियाँ यह प्रमुखता से मांग कर रही हैं कि माओवादी पार्टी और सरकार के बीच शांति वार्ता होनी चाहिए। इस मांग को ध्यान में रखते हुए, हम अगले छह महीने तक युद्धविराम (सीजफायर) का पालन करने की घोषणा करते हैं।
प्रिय कॉमरेड्स और जनता को नमस्कार!
पिछले कुछ समय से हमारी पार्टी और सरकार के बीच शांति वार्ता को लेकर तेलुगु राज्यों में एक मुहिम शुरू हुई है। इसके अंतर्गत शांति वार्ता समिति का गठन भी किया गया है। देशभर में सैकड़ों संगठन, व्यक्ति, प्रमुख हस्तियां और राजनीतिक पार्टियाँ यही मांग उठा रही हैं।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे को अपनी पार्टी में चर्चा के लिए रखा है और फैसला लेने की बात कही है। सीपीआई लगातार “कगर ऑपरेशन” को रद्द कर शांति वार्ता शुरू करने की मांग करते हुए राज्यभर में कार्यक्रम कर रही है। इन कार्यक्रमों में अन्य वामपंथी पार्टियाँ भी भाग ले रही हैं। बीआरएस पार्टी ने भी अपनी सार्वजनिक सभा में शांति वार्ता के समर्थन में प्रस्ताव पास किया है।
हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी शांति वार्ता की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव तथा बीआरएस नेता कविता ने भी इस मांग का समर्थन किया है। यह एक सराहनीय कदम है।
राज्य के कई बुद्धिजीवी, प्रमुख लोग और वामपंथी दल इस मुद्दे पर लगातार प्रचार कर रहे हैं और बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। हम मानते हैं कि वार्ता की प्रक्रिया राज्य और देश में लोकतांत्रिक माहौल बनाने का एक प्रयास है। इस प्रक्रिया को सकारात्मक दिशा देने के लिए, हम अपनी ओर से छह महीने के लिए युद्धविराम की घोषणा करते हैं।
* जगन, आधिकारिक प्रवक्ता
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी), तेलंगाना राज्य समिति
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प्रवक्ता जगन ने पर्चे में कहा है कि इस युद्धविराम को लोकतांत्रिक माहौल बनाने की दिशा में एक प्रयास माना जाना चाहिए। इसके लिए पीएलजीए (People’s Liberation Guerrilla Army) को सशस्त्र गतिविधियां रोकने का आदेश दे दिया गया है।
पर्चे में बताया गया है कि नक्सली सेंट्रल कमेटी के नेता अभय ने पहले ही 28 मार्च को सरकार से शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की अपील की थी। इसके बाद दंडकारण्य के उत्तर-पश्चिम ज़ोन की ओर से रूपेश नामक नक्सली ने भी दो बार पत्र जारी किए थे।
अब तक नक्सलियों की ओर से कुल चार बार पर्चे जारी किए गए हैं — जिनमें दो बार प्रवक्ता अभय, दो बार रूपेश और अब जगन का यह पांचवां पत्र है, जिसमें छह महीने के युद्धविराम की घोषणा की गई है।
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