Kolkata : जाली पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार आज़ाद मलिक पर अब देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का शक गहराता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में आज़ाद के मोबाइल फोन से करीब 20 हजार पन्नों के संदिग्ध दस्तावेज, कई वीडियो, फोटो और कोड भाषा में रिकॉर्ड वॉयस नोट्स बरामद हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, आज़ाद मलिक 13 साल से अपनी असली पहचान छिपाकर भारत में रह रहा था। वह बांग्लादेशी नागरिक के रूप में उत्तर 24 परगना से अवैध रूप से भारत में घुसा और एक दलाल की मदद से फर्जी दस्तावेज बनवाकर भारतीय पहचान पत्र और पासपोर्ट भी हासिल कर लिया।
शुरुआत में यह केवल जाली दस्तावेजों का मामला था, लेकिन अब एजेंसियों को शक है कि आज़ाद मलिक का संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से भी हो सकता है। ईडी ने बताया कि उसके मोबाइल से कई कोडवर्ड वाले चैट और संवाद मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
ईडी को यह भी पता चला है कि आज़ाद पाकिस्तान से लगातार संपर्क में था और वह कई व्हाट्सएप ग्रुप्स में भी शामिल था। इन सबके आधार पर ईडी ने अदालत से 5 दिन की हिरासत मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए 13 मई तक की हिरासत दी है।
यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ माना जा रहा है और ईडी व खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या आज़ाद मलिक सच में पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था, और अगर हां, तो उसने अब तक कौन-कौन सी जानकारी लीक की है।
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