दुर्लभ योग और संयोग में होगा गणपति का पूजन
चौठ तिथि 30 अगस्त को दोपहर 02 :32 से आरंभ होकर 31 को 01: 56 तक रहेगा।
शुक्लयोग, रवियोग और चित्रा नक्षत्र में मानेगा गणपति बप्पा का पूजन।
सूर्योदय में चौठ होने से दिन भर होगा पूजन
गणेश पूजा मुहूर्त – सबसे अच्छा मुहूर्त दिन के 11: 24 मिनट से दोपबर 01: 56 मिनट पर।
गणेश विसर्जन – 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुदर्शी के दिन।
रवि योग- 31 अगस्त 06 : 23 मिनट से 01 सितंबर को सुबह 12 : 12 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- 30 को रात्रि 02 बजकर 44 मिनट से 31 को रात 03 बजकर 34 मिनट।
गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को अर्पित करें ये चीजें
गणेश चतुर्थी के दिन घर पर बप्पा की मूर्ति स्थापित करते समय जरूर अर्पित करें ये चीजें।
दुर्वा घास- भगवान गणेश को दूब घास अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन दूब घास को गंगाजल से साफ करके इसकी माला बना लीजिए और भगवान गणेश को अर्पित करें।
मोदक- गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय हैं ऐसे में आप जितने दिन भी गणेश जी को अपने घर में रख रहे हैं प्रत्येक दिन उन्हें मोदक का भोग जरूर लगाएं।
केले- भगवान गणेश को केले भी काफी पसंद हैं ऐसे में भगवान गणेश को लगने वाले भोग में केले को जरूर शामिल करें।
सिंदूर- गणेश जी को सिंदूर अर्पित किया जाता है. सिंदूर को मंगल का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस दौरान रोजाना भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं।
प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि बुधवार गणेश जी का दिन होता है। बुधवार दिन चित्रा नक्षत्र सूर्य अपने नक्षत्र में और
सूर्य, बुध, गुरु और शनि जैसे अहम ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे। ऐसा संयोग पिछले 300 सालों में नहीं बना है। इस संयोग में नया घर खरीदना, बुक करना, ज्वेलरी-गाड़ी जैसी कीमती चीजें खरीदना या बुक करना बेहद शुभ रहेगा।
गणेश चतुर्थी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, ऐसे में गणेश चतुर्थी का पूरा दिन खरीदारी करने, निवेश करने, नए काम की शुरुआत करने के लिए बहुत शुभ रहेगा। मंत्र साधक अपना मंत्र इस दौरान सिद्ध कर सकते हैं, जिसका पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।
गणपति का पूजन इस वर्ष विशेष फलदाई होगा।
राशि के अनुसार गणेश पूजन :- आचार्य प्रणव
गणपति का पूजन सभी लोग करते हैं पर कुछ को लाभ मिलता है तो कुछ लोग को नही मिल पाता है। इसका मुख्य वजह है किस ब्यक्ति को क्या और कैसे पूजा किया जाय। यदि आप राशि के अनुसार पूजन करते हैं तो ज्यादा लाभ मिलता है।
मेष राशि : इस राशि के जातक को ‘वक्रतुण्ड’ रूप में गणेश जी की आराधना करनी चाहिए। ॐ गँ गणपतये नमः या ‘ॐ वक्रतुण्डाय हूं’ मंत्र की जाप करना चाहिए।
लड्डू और मोदक का भोग लगा कर सुहागन स्त्रियों को बटाना चाहिए।
वृषभ राशि : आपको गणेशजी के ‘शक्ति विनायक’ रूप की पूजा करना चाहिए और उन्हें ॐ गं ॐ या ‘ॐ हीं ग्रीं हीं’ मंत्र की जपकर घी में मिश्री मिलाकर भोग लगाएं।
साथ ही शुद्ध घी का दोमुखी दिया लगाएं।
मिथुन राशि : आप लक्ष्मी के साथ स्थित गणेश’ के रूप की करें। मूंग के लड्डू का भोग और ॐ श्रीगणेशाय नम: या ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र की माला जपें। लड्डू का भोग लगाए। गरीब व्यक्ति दान करे और संयम भी खाए। पंचमुखी दीपक जलाएं।
कर्क राशि : आपको एक दंत या ‘वक्रतुण्ड’ रूप में गणेशजी की पूजा करना चाहिए और उन्हें ‘ॐ वरदाय न:’ या ‘ॐ वक्रतुण्डाय हूं’ की जाप करें। साथ ही सफेद चंदन लगाकर सफेद फूल चढ़ाएं। और बेसन का लड्डू भोग लगाएं। चारमुख वाला दीपक जलाना चाहिए।
सिंह राशि : आपको लक्ष्मी गणेश’ रूप में गणेशजी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और उन्हें लाल पुष्प चढ़ाकर मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। ‘ॐ सुमंगलाये नम:’ मंत्र की जाप करें। एक मुखी दीपक जलाएं।
कन्या राशि : ‘लक्ष्मी गणेश’ को एक साथ ध्यान करना चाहिए। दुर्वा के 21 जोड़े अर्पित कर ‘ॐ गणपतये नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए। हो सके तो नव मुखी दीपक जलावे।
तुला राशि : आपको एकदंत या ‘वक्रतुण्ड’ रूप में गणेशजी की पूजा करें। ॐ वक्रतुण्डाय नम:’ मंत्र का जप करें। नारियल का लड्डू का भोग लगाएं। गणेशजी के मंदिर में शुद्ध घी का दीया जलाये। तीन मुखी दीपक जलाना चाहिए।
वृश्चिक राशि : आपको श्वेतार्क गणेश’ रूप की पूजा करनी चाहिए। ॐ नमो भगवते गजाननाय’ मंत्र का जाप करें। बेसन का लड्डू भोग लगाकर पंडित जी को दान करें। साथ ही सुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं।
धनु राशि : आप ॐ गं गणपते मंत्र’ का जप करें। गणपति को पीले फूल चढ़ाकर बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं। धनु राशि वालों को गणेशजी के ‘लक्ष्मी गणेश’ रूप की पूजा करनी चाहिए। साथ ही घी का शुद्ध दीपक लगाएं।
मकर राशि : आपको ‘शक्ति विनायक’ गणेश की आराधना करें। पूजन के दौरान गणेशजी को पान, सुपारी, इलायची व लौंग अर्पित करें और ‘ॐ गं नम: मंत्र का जाप करें।
कुंभ राशि : आपको शक्ति विनायक’ गणेशजी की पूजा करना चाहिए। ‘ॐ गण मुक्तये फट् मंत्र की एक माला जपना चाहिए। हल्दी का माला अर्पित करें।
मीन राशि : आपको हरिद्रा गणेश’ की पूजा करना चाहिए। ‘ॐ गं गणपतये नमः’ या ‘ॐ अंतरिक्षाय स्वाहा’ जपना चाहिए। पूजा के दौरान शहद और केसर का भोग लगाएं।
प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची
8210075897