Ranchi : झारखंड में आतंकी संगठनों की गतिविधियों को लेकर एक बड़ी और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। झारखंड एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 285 लोग देश और विदेश में सक्रिय प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
इनमें से सबसे ज्यादा 113 संदिग्ध पाकुड़ जिले से हैं, जो अब आतंकियों के लिए एक नया ठिकाना बनता जा रहा है। साहिबगंज से 65, रांची से 49, और जमशेदपुर से 22 संदिग्धों की पहचान हुई है। बाकी संदिग्ध राज्य के अन्य जिलों से हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, जिन संगठनों से ये लोग जुड़े हैं, उनमें इंडियन मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा, इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट, हिज्ब उत-तहरीर और जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश जैसे खतरनाक आतंकी संगठन शामिल हैं।
धनबाद का वासेपुर, जो पहले माफिया गतिविधियों के लिए जाना जाता था, अब आतंकी गतिविधियों का नया गढ़ बन गया है। यहां से ATS ने हाल ही में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक युवती शबनम परवीन भी शामिल है। जांच में पता चला कि ये लोग डार्क नेट के ज़रिए विदेशी एजेंटों के संपर्क में थे और उनके मोबाइल व लैपटॉप से जिहाद से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।
इसी तरह रांची से गिरफ्तार डॉक्टर इश्तियाक अहमद पर अलकायदा के झारखंड मॉड्यूल को चलाने का आरोप है। वह पेशे से रेडियोलॉजिस्ट हैं, लेकिन चुपचाप आतंकी नेटवर्क के लिए काम कर रहे थे। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन ने पाकुड़ में युवाओं को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है।
ATS के अधिकारियों का कहना है कि इन संदिग्धों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, ATS की टीम डिजिटल सबूतों की जांच में जुटी है।
झारखंड में आतंकियों के स्लीपर सेल भी सक्रिय हैं, जो आम नागरिकों की तरह रहकर गुपचुप तरीके से संगठन के लिए काम करते हैं। अब तक राज्य में ऐसे 33 से ज्यादा स्लीपर सेल की पहचान हो चुकी है।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चुनौती इसलिए भी बड़ी है क्योंकि आतंकियों ने डार्क नेट और सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है, जिससे उनकी पहचान कर पाना मुश्किल होता जा रहा है।
झारखंड में जिस तरह आतंकी गतिविधियों का फैलाव हो रहा है, वह राज्य ही नहीं, पूरे देश की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है। ATS ने खुफिया तंत्र को मजबूत किया है और संदिग्धों की तलाश तेजी से जारी है।