Saraikela: टाटा-कांड्रा-सरायकेला-चाईबासा टोल रोड की बदहाल स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने चाईबासा मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा का दौरा किया और वहां मौजूद टोल मैनेजर से सड़क की स्थिति पर जानकारी ली।
बातचीत के दौरान टोल प्लाजा मैनेजर ने बताया कि सड़क निर्माण कंपनी जेआरडीसीएल (JRDCL) को कई बार पत्र भेजे गए हैं, लेकिन सड़क की मरम्मत को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। केवल औपचारिकता निभाकर काम अधूरा छोड़ दिया जाता है। बरसात के कारण सड़क की हालत और भी खराब हो चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा, “जब सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है तो फिर लोगों से टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है?” उन्होंने टोल प्रबंधन से शिकायतों की कॉपी भी मांगी। इस सवाल पर टोल मैनेजर सरकारी प्रक्रिया का हवाला देकर चुप्पी साध गए।
बता दें कि करीब 68 किलोमीटर लंबे इस टोल रोड पर हजारों गड्ढे बन चुके हैं जिससे प्रतिदिन गुजरने वाले हजारों वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस सड़क को कोल्हान की ‘लाइफलाइन’ कहा जाता है, लेकिन सड़क निर्माण कंपनी जेआरडीसीएल न तो उपायुक्त के निर्देशों की परवाह कर रही है न ही न्यायालय के आदेशों की।
सरायकेला उपायुक्त द्वारा पहले ही सड़क मरम्मत का आदेश दिया जा चुका है। वहीं सामाजिक संस्था ‘जनकल्याण मोर्चा’ ने इस मामले में अनुमंडल न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की है। बावजूद इसके कंपनी की लापरवाही जारी है।
अब सभी की नजर इस पर टिकी है कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा मामले पर संज्ञान लेने के बाद सरकार क्या सख्त कदम उठाती है। लगातार हो रही दुर्घटनाओं और खराब सड़क के कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश है।