Ranchi : झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों को लेकर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने रविवार को अपने सात सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। उन्होंने काउंसिल के रजिस्ट्रार और सदस्यों के चयन में हुई धांधलियों के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए और मामले की गंभीर जांच की मांग की।
देवेंद्रनाथ महतो ने राज्यपाल के समक्ष रखीं प्रमुख मांगे :
- गैर सरकारी रजिस्ट्रार प्रशांत कुमार पांडे का कार्यकाल 13 अप्रैल 2025 को समाप्त हो चुका है, इसके बावजूद वे पद पर बने हुए हैं। उनके कार्यकाल में 500 से अधिक फर्जी निबंधन हुए हैं। उनके खिलाफ SIT गठित कर जांच कराई जाए।
- काउंसिल में अध्यक्ष, सचिव और अन्य मनोनीत पदों पर केवल मूल झारखंडी सरकारी फार्मासिस्ट को ही नियुक्त किया जाए।
- पूर्व निर्वाचित सदस्यों के चयन की प्रक्रिया की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए।
- आगामी चुनाव स्वतंत्र आयोग द्वारा पारदर्शी तरीके से कराए जाएं।
- झारखंड के कई फार्मेसी कॉलेज PCI मानकों का पालन नहीं कर रहे, फिर भी काउंसिल के संरक्षण में चल रहे हैं, इनकी जांच हो।
- निर्वाचित सदस्य धर्मेंद्र सिंह, जो फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यकारिणी सदस्य भी हैं, CBI केस में आरोपी हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
राज्यपाल ने दिया आश्वासन
राज्यपाल संतोष गंगवार ने शिष्टमंडल की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का सकारात्मक आश्वासन दिया।
पहले भी की गई थी शिकायतें
देवेंद्रनाथ महतो ने 17 अप्रैल 2025 को विभागीय अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह से मुलाकात कर विस्तृत जानकारी साझा की थी। साथ ही 23 जुलाई 2025 को काउंसिल कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन भी किया गया था, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
वहीं देवेंद्रनाथ महतो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संगठन भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था, क्षेत्रीय अधिकार और आरक्षण नीति के पालन को लेकर संकल्पबद्ध है।
इस शिष्टमंडल में देवेंद्रनाथ महतो, आशीष चौधरी, गुलाम सरवर, विनय कुमार, लकी रामु राज, रविंद्र कुमार दीपक और पंकज कुमार शामिल थे।
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