New Delhi : अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से जवाब मांगा है। यह कार्रवाई उस याचिका पर की गई है, जो हादसे में मारे गए पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल ने दायर की थी।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पायलट के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। अदालत ने 91 वर्षीय पिता से कहा, “आपको खुद पर बोझ नहीं लेना चाहिए। यह एक दुर्घटना थी, और आपके बेटे को दोषी नहीं ठहराया गया है।”
पायलट के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने दलील दी कि एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में पायलट पर आरोप लगाने की कोशिश की गई थी। इस पर अदालत ने कहा कि वह रिपोर्ट भारत को बदनाम करने वाली थी।

अदालत ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उसमें कहीं भी पायलट को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। कोर्ट ने साफ कहा कि AAIB का काम किसी को दोषी ठहराना नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के उपाय सुझाना है। अदालत ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो वह यह स्पष्ट आदेश देगी कि पायलट को दोषी नहीं माना जा सकता। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।
क्या है मामला?
पायलट के पिता और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हादसे की जांच किसी पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र रूप से कराने की मांग की थी। उनका कहना है कि अधूरी या पक्षपाती जांच न केवल हादसे के असली कारण छिपा सकती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकती है।
हादसा कैसे हुआ था?
12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी, दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में 241 लोग सवार थे — जिनमें से 261 लोगों (विमान में सवार और जमीन पर मौजूद) की मौत हुई थी। हादसे में पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट कैप्टन क्लाइव कुंदर की भी जान चली गई थी।
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