New Delhi : केंद्र सरकार ने आज यानी गुरुवार को बताया कि अहमदाबाद में एयर इंडिया की बोइंग ड्रीमलाइनर 787 विमान दुर्घटना की जांच में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। दुर्घटना स्थल से बरामद कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) के डेटा का विश्लेषण शुरू हो गया है।
ब्लैक बॉक्स जांच में NTSB की भी अहम भूमिका
नागर विमानन मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ब्लैक बॉक्स से संबंधित सभी कार्रवाइयां घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप समयबद्ध तरीके से की गई हैं। एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने तत्काल जांच शुरू की। इसके लिए 13 जून, 2025 को एक बहु-विषयक जांच टीम का गठन किया गया। इस टीम का नेतृत्व AAIB के महानिदेशक कर रहे हैं, जिसमें एक विमानन देखभाल विशेषज्ञ, एक ATC अधिकारी और अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के प्रतिनिधि शामिल हैं। NTSB की मौजूदगी जांच के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह विमान अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन से संबंधित है।
ब्लैक बॉक्स की बरामदगी और परिवहन
मंत्रालय के अनुसार CVR 13 जून, 2025 को दुर्घटना स्थल की एक इमारत की छत से और FDR 16 जून, 2025 को मलबे से बरामद किया गया। दोनों उपकरणों के सुरक्षित संचालन, भंडारण और परिवहन के लिए मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया। बरामदगी के बाद, इन्हें अहमदाबाद में 24 घंटे पुलिस सुरक्षा और CCTV निगरानी में रखा गया। 24 जून, 2025 को भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा ब्लैक बॉक्स को पूरी सुरक्षा के साथ अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स दोपहर 2 बजे और रियर ब्लैक बॉक्स शाम 5:15 बजे एएआईबी की दिल्ली लैब में पहुंचा।
डेटा निष्कर्षण शुरू
AAIB और NTSB के तकनीकी विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने 24 जून, 2025 की शाम को डेटा निष्कर्षण शुरू किया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) को सुरक्षित रूप से निकाला गया और 25 जून, 2025 को मेमोरी मॉड्यूल तक पहुंचकर डेटा डाउनलोड किया गया। मंत्रालय ने बताया कि CVR और FDR डेटा का विश्लेषण चल रहा है। इसका उद्देश्य हादसे की ओर ले जाने वाली घटनाओं का अनुक्रम समझना और विमानन सुरक्षा को बढ़ाने के लिए योगदान देने वाले कारकों की पहचान करना है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
270 से अधिक लोगों की मौत
इस भीषण हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित 270 से अधिक लोगों की जान चली गई। जांच के निष्कर्षों से हादसे के कारणों का पता लगाने और विमानन सुरक्षा को और मजबूत करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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