Guwahati : अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में पूर्वोत्तर भारत के लिए ₹1 लाख करोड़ के निवेश की ऐतिहासिक घोषणा की है। यह निवेश अगले 10 वर्षों में किया जाएगा और इसमें स्मार्ट एनर्जी, हाईवे, डिजिटल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स और स्किल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।
पहले किया था ₹50,000 करोड़ का ऐलान
इससे पहले मार्च 2025 में अदाणी समूह ने असम में ₹50,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की थी, जिसे अब दोगुना कर ₹1 लाख करोड़ कर दिया गया है।
#WATCH | दिल्ली: ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने कहा, “…पिछले एक दशक में, नॉर्थ-ईस्ट की पहाड़ियों और घाटियों में, भारत की विकास कहानी में एक नया अध्याय सामने आ रहा है। विविधता, लचीलापन और अप्रयुक्त क्षमता में निहित एक कहानी… इस… pic.twitter.com/pkFnOlFAHy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 23, 2025
किन क्षेत्रों में होगा निवेश?
गौतम अदाणी ने बताया कि यह निवेश ग्रीन एनर्जी, हाइड्रो और पंप्ड स्टोरेज, पावर ट्रांसमिशन, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट मीटर, सड़क और राजमार्ग, लॉजिस्टिक्स, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्रों पर केंद्रित होगा।
स्थानीय लोगों को मिलेगा लाभ
गौतम अदाणी ने यह भी स्पष्ट किया कि इन सभी परियोजनाओं में स्थानीय समुदायों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा और समुदाय की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
पीएम मोदी के विजन की सराहना
गौतम अदाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोत्तर विकास के विजन की सराहना करते हुए कहा, “एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट, एक्ट फर्स्ट” की नीति ने इस क्षेत्र के लिए आधार तैयार किया है। प्रधानमंत्री की 65 यात्राएं, 6.2 लाख करोड़ का निवेश, 16,000 किमी सड़क नेटवर्क और 18 हवाई अड्डों का निर्माण इसे दर्शाता है।
पूर्वोत्तर को बताया भारत की प्रगति का अगला केंद्र
गौतम अदाणी ने कहा, “पूर्वोत्तर भारत विविधता और संभावनाओं से भरा क्षेत्र है, जो अब भारत की आर्थिक और रणनीतिक प्रगति का केंद्र बन रहा है।” उन्होंने यह भी कहा, “हम अदाणी समूह के लोग, आपके सपनों और भविष्य के साथ खड़े हैं।”
यह निवेश केवल विकास कार्य नहीं बल्कि पूर्वोत्तर भारत के लोगों के प्रति अदाणी समूह की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह घोषणा भारत के विकास की नई कहानी की शुरुआत है – और इसकी शुरुआत अब पूर्वोत्तर भारत से हो रही है।
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