Patna : बिहार सरकार ने किसानों को सब्जियों के भंडारण और बिक्री की बेहतर सुविधा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सहकारिता विभाग अगले दो साल में राज्य के सभी 534 प्रखंडों में आधुनिक सब्जी केंद्र बनाने जा रहा है। प्रत्येक केंद्र 10 हजार वर्गफीट जमीन पर बनेगा, जिसकी लागत 96 लाख से 1 करोड़ रुपये होगी।
किसानों को मिलेगा ज्यादा मुनाफा
सहकारिता विभाग का कहना है कि किसानों को अक्सर सब्जियों का सही दाम नहीं मिलता, क्योंकि उनके पास भंडारण की सुविधा नहीं होती। मजबूरी में उन्हें कम कीमत पर उपज बेचनी पड़ती है। नए सब्जी केंद्रों से किसानों को भंडारण, संरक्षण और बिक्री की आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।
सब्जी केंद्रों की खासियत
हर प्रखंड में बनने वाले सब्जी केंद्रों में 10 टन का कोल्ड स्टोरेज, 20 टन का गोदाम और भंडारण गृह होगा। साथ ही सब्जियों के संग्रह, छंटाई और पैकेजिंग के लिए विशेष केंद्र भी होंगे। इससे सब्जियों की गुणवत्ता बनी रहेगी और उन्हें बड़े बाजारों व सुपरमार्केट तक आसानी से भेजा जा सकेगा।

जमीन का इंतजाम करेगा कृषि विभाग
सब्जी केंद्रों के लिए 10 हजार वर्गफीट जमीन चिन्हित करने का जिम्मा कृषि विभाग को दिया गया है। विभाग का मानना है कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी और किसानों को स्थानीय स्तर पर बड़े बाजारों तक पहुंचने का मौका देगी।
पंचायत स्तर पर भी सब्जी केंद्र
सहकारिता विभाग पंचायत स्तर पर भी सब्जी केंद्र बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इससे किसानों को अपने गांव के पास ही उपज बेचने और संरक्षित करने की सुविधा मिलेगी।
जैविक खेती को बढ़ावा
विभाग जैविक सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी काम कर रहा है। किसानों को जैविक खेती के लिए अनुदान दिया जाएगा। पिछले महीने बिहटा एयरपोर्ट से थाईलैंड, बैंकॉक और दुबई तक जैविक सब्जियां भेजी गई थीं। यह कदम बिहार के किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
रोजगार और आय में बढ़ोतरी
विशेषज्ञों का कहना है कि सब्जी केंद्रों से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा और किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। सब्जियों की बर्बादी रुकेगी और बाजार में सही दाम मिलेगा। यह योजना बिहार के कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकती है और राज्य को सब्जियों में आत्मनिर्भर बनाकर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत पहचान दिला सकती है।
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