Hazaribagh : देशभर में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हजारीबाग का योगदान भी याद किया जा रहा है। हजारीबाग के प्रथम सांसद स्वर्गीय बाबू राम नारायण सिंह और एकीकृत बिहार के मुख्यमंत्री स्वर्गीय केबी सहाय ने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बाबू राम नारायण सिंह का योगदान
हजारीबाग के प्रथम सांसद बाबू राम नारायण सिंह और केबी सहाय संविधान सभा के सदस्य थे। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. प्रमोद सिंह, जो बाबू राम नारायण सिंह के पोते हैं, बताते हैं कि दादा ने संविधान सभा में कहा था कि देश के प्रधानमंत्री को “प्रधानसेवक” और नौकरशाह को “लोकसेवक” कहा जाए। उनका मकसद था कि लोकतंत्र में राजतंत्र की भावना न रह जाए। उन्होंने मंत्रिमंडल को भी “सेवक मंडल” के रूप में अपनाने की वकालत की।
बाबू राम नारायण सिंह ने संविधान सभा की पहली बैठक में पंचायती राज की भी वकालत की। उनके परिवार का कहना है कि उनके दूरदर्शी विचार आज चरितार्थ हो रहे हैं।

श्रद्धांजलि और गौरव
दिसंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरही में मंच से बाबू राम नारायण सिंह को श्रद्धांजलि दी थी। इस अवसर पर उन्होंने संविधान निर्माण और आजादी की लड़ाई में बाबू राम के योगदान को याद किया और हजारीबाग की धरती को नमन किया।
डॉ. प्रमोद सिंह कहते हैं कि यदि दादा की बातों को सही तरीके से लागू किया गया होता तो समाज में इतनी विसंगतियां नहीं होतीं। वरिष्ठ पत्रकार मुरारी सिंह ने कहा कि हजारीबाग के लिए गर्व की बात है कि बाबू राम नारायण सिंह और केबी सहाय ने संविधान निर्माण में अहम योगदान दिया।

