Patna : पटना में एक बड़ा मामला सामने आया है। डिप्टी CM सम्राट चौधरी के निजी सचिव रणवीर बरियार के नाम का दुरुपयोग कर बिहार विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) नीरज कुमार को धमकी भरा और अभद्र भाषा वाला पत्र भेजा गया है। यह पत्र स्पीड पोस्ट से कर्नाटक के मैसूर से भेजा गया था, जिससे मामला और गंभीर हो गया है।
कैसे खुला मामला?
पत्र मिलने के बाद एमएलसी नीरज कुमार ने उसकी भाषा और उसमें लिखे पदनाम को देखकर तुरंत अधिकारियों को इसकी सूचना दी। जांच में साफ हुआ कि यह पत्र न तो रणवीर बरियार ने लिखा था और न ही उनके कार्यालय से भेजा गया था। इस पर रणवीर बरियार ने सचिवालय थाना पहुंचकर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। आरोप है कि किसी ने उनके नाम का गलत उपयोग कर राजनीतिक भ्रम और तनाव फैलाने की कोशिश की है।
पुलिस जांच शुरू
एफआईआर के बाद पुलिस ने स्पीड पोस्ट की रसीद, ट्रैकिंग नंबर और मैसूर पोस्ट ऑफिस से जुड़े दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। भेजने वाले की पहचान के लिए वहां की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जाएगी। पत्र के हस्तलेख और भाषा की फोरेंसिक जांच भी कराई जा सकती है। पुलिस का मानना है कि मामला राजनीतिक रंजिश से जुड़ा हो सकता है या किसी ने जानबूझकर उपमुख्यमंत्री कार्यालय और एमएलसी के बीच विवाद पैदा करने की कोशिश की है।

मामला क्यों गंभीर है?
यह सिर्फ धमकी भरा पत्र नहीं, बल्कि सरकारी अधिकारी के नाम का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक संस्थाओं को गुमराह करने की कोशिश है। यही कारण है कि घटना के बाद पटना के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि इस षड्यंत्र के पीछे कौन हो सकता है। रणवीर बरियार का कहना है कि यह सिर्फ व्यक्तिगत बदनाम करने की कोशिश नहीं, बल्कि संवैधानिक पदों पर सीधा हमला है। मामले की गहन जांच जरूरी है।
आगे क्या होगा?
पुलिस मैसूर से पत्र भेजने वाले की पहचान जल्द कर सकती है। आरोपी पर IPC की कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हो सकता है। पोस्टल डिपार्टमेंट, फोरेंसिक और डिजिटल जांच रिपोर्ट से पूरा मामला स्पष्ट हो जाएगा।
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