Giridih : जमीन विवाद मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में गिरिडीह एसपी डॉ. बिमल कुमार ने जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत कुमार को लाइन हाजिर कर दिया है। आरोप है कि थाना प्रभारी को मामले की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की।
क्या था मामला
जमुआ थाना क्षेत्र के कारोडीह गांव में गुरुवार शाम जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। विवाद के दौरान जमकर गोलीबारी हुई थी और पेट्रोल बम फोड़े गए थे। अचानक हुई इस घटना से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई थी और लोग दहशत में इधर-उधर भागने लगे थे।
सूचना मिलते ही जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत कुमार और एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपित वहां से फरार हो गए थे। बाद में पचम्बा थाना पुलिस ने घटनास्थल से कई खोखे बरामद किए थे।

एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया था कि उन्हें भी गोली चलने और पेट्रोल बम फेंके जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद जमुआ और पचम्बा थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में कई कथित जमीन माफियाओं के नाम सामने आए थे, जिनमें पचम्बा के सन्नी रायन, जुगनू, सब्बीर और परसाटांड के बिजय वर्मा शामिल बताए गए थे।
पीड़ित अखिलेस्वर सिन्हा और उनके पुत्र हर्ष सिन्हा ने आरोप लगाया था कि वे अपने जमीन पर चारदीवारी निर्माण करा रहे थे, तभी सन्नी रायन अपने साथियों के साथ वहां पहुंच गया था। आरोप यह था कि सन्नी ने मजदूरों के साथ मारपीट की थी और दहशत फैलाने के लिए कई राउंड गोली चलाई थी। साथ ही, पेट्रोल बम भी फोड़े गए थे। हर्ष सिन्हा ने बताया था कि सन्नी रायन पिछले कई दिनों से उनसे रंगदारी की मांग कर रहा था और रंगदारी नहीं देने पर यह हमला किया गया था।

