Patna : बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अब नई सरकार के गठन की तैयारी तेज हो गई है। चुनाव आयोग रविवार को नवनिर्वाचित विधायकों की सूची राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सौंपेगा। इसके बाद संसदीय कार्य विभाग नई सरकार बनाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करेगा।
सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल द्वारा सूची मिलने के बाद विभाग अधिसूचना जारी करेगा और 17वीं विधानसभा को भंग करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी करेगा। यह काम 22 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। अगर तब तक विधानसभा भंग नहीं होती, तो उसे उसी तारीख से स्वतः भंग माना जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही अपनी कैबिनेट की अंतिम बैठक करेंगे और फिर राज्यपाल को सरकार का इस्तीफा सौंपेंगे। इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल उनसे कहेंगे कि नई सरकार बनने तक वे कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहें, ताकि कामकाज में कोई रुकावट न आए।

इसके बाद एनडीए विधायक दल अपना नेता चुनेगा। नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार राज्यपाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। सूची में एनडीए के सभी नवनिर्वाचित विधायकों की जानकारी होगी। इसके बाद राज्यपाल शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय करेंगे।
नई सरकार के शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री पहली कैबिनेट बैठक बुलाएंगे। इस बैठक में मंत्रियों को विभाग सौंपे जाएंगे और सरकार के शुरुआती अहम फैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही 18वीं विधानसभा के पहले सत्र की तैयारी भी शुरू की जाएगी।
इस बार सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया तेज और सुचारू तरीके से की जा रही है ताकि प्रशासनिक कामकाज में कोई बाधा न आए। नई सरकार के गठन के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और सड़क–बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में तेजी से काम होने की उम्मीद है।
संसदीय कार्य विभाग इस पूरी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा रहा है। विभाग सभी आवश्यक कागजात, विधायकों की सूची और शपथ ग्रहण से जुड़ी औपचारिकताएं पूरा कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार सत्ता हस्तांतरण पूरी तरह शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से होगा, जिससे राज्य में स्थिरता बनी रहेगी।
अब बिहार की जनता नई सरकार के शपथ ग्रहण और विधानसभा के पहले सत्र का इंतजार कर रही है, ताकि विकास के काम बिना देरी आगे बढ़ सकें।
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