Ranchi : मोकामा में दुलारचंद यादव की सरेआम हत्या को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि यह घटना बिहार में व्याप्त जंगलराज का ताजा उदाहरण है। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस की चौकसी और चुनावी निगरानी के बावजूद इतनी बड़ी वारदात कैसे हो गई।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर उठे सवाल
झामुमो प्रवक्ता ने मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर कहा कि यह प्रशंसा का नहीं, बल्कि जवाबदेही तय करने का समय है। उन्होंने कहा कि जब चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही हथियार जमा करा दिए जाते हैं, तो जदयू नेता के काफिले में हथियार कहां से आए? उन्होंने बताया कि अनंत सिंह खुद एक मीडिया बातचीत में कह रहे हैं कि वे 40 गाड़ियों के काफिले में थे और 30 गाड़ियां आगे निकल गईं, तब यह घटना घटी। ऐसे में सवाल उठता है कि चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन क्या कर रहे थे?
“घटना रोकने में नाकाम रही पुलिस”
मनोज पांडेय ने कहा कि विरोधी नेताओं को गोली मरवाने के बाद गिरफ्तारी दिखाकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। यह नाकामी नहीं तो और क्या है? उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति की हत्या हुई, वह समाज के एक बड़े तबके का प्रतिनिधित्व करते थे और चुनाव में एक राजनीतिक दल के समर्थन में सक्रिय थे। ऐसी स्थिति में पटना पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि अब पुलिस अनंत सिंह की गिरफ्तारी को अपनी उपलब्धि बता रही है, जबकि असल सवाल यह है कि घटना को रोका क्यों नहीं गया। जब हथियार खुलेआम लहराए जा रहे थे, तब कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि यह विधि व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न है और बिहार सरकार को इसका उत्तर देना होगा।
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