Ranchi : झारखंड में शराब घोटाले की जांच में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने दो पूर्व उत्पाद सचिवों मनोज कुमार और मुकेश कुमार को नोटिस भेजा है। इससे पहले इसी मामले में पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि विनय चौबे के कार्यकाल में एमजीआर की समीक्षा और गारंटी राशि वसूली नहीं की गई, जिससे सरकार को करीब 38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। उसके बाद मनोज और मुकेश सचिव बने, लेकिन उन्होंने भी वसूली नहीं की। इस मामले में संकेत मिल रहे हैं कि निजी कंपनियों को जानबूझकर लाभ पहुंचाया गया।
वहीं, ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने चौथी पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल की पत्नी रीता लाल समेत 22 लोग आरोपी बनाए गए हैं। जांच में सामने आया कि 2019 में कनिष्ठ अभियंता सुरेश वर्मा को रिश्वत लेते पकड़ा गया था और उसके ठिकानों से 2.67 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए। इसके अलावा, अलग-अलग ठिकानों से कुल 37 करोड़ रुपए और कई लग्जरी वाहन जब्त किए गए।
अधिकारियों के अनुसार, इस धन को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और एंट्री ऑपरेटरों के नेटवर्क के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग कर महंगी संपत्तियों में लगाया गया। आरोप है कि संजीव लाल की पत्नी ने इस धन को वैध आय के रूप में दिखाया। ठेकेदार और प्रशासनिक सहयोगियों ने वसूली और वाहन देने की बात भी स्वीकार की है।

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