Ramgarh: दीपावली और काली पूजा के अवसर पर प्रसिद्ध सिद्धपीठ छिन्नमस्तिका मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया है। मंदिर परिसर में रंग-बिरंगी लाइटें, फूल और बैलून की सजावट श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। दीपावली की रात यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी और पूरे परिसर में मंत्रोच्चारण और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई दी।
कार्तिक अमावस्या पर विशेष साधना
मान्यता है कि कामरूप कामाख्या के बाद तांत्रिक साधना के लिए यह मंदिर दूसरा सबसे बड़ा स्थल है। खासकर कार्तिक अमावस्या के दिन साधक यहां साधना और सिद्धि के लिए एकत्र होते हैं। पुजारी सुबोध पंडा के अनुसार, दीपावली की रात मंदिर के पट खुलते हैं और साधकों को मां की कृपा प्राप्त होती है।
गुप्त साधना के लिए तीन विशेष स्थान
पुजारी लोकेश पंडा ने बताया कि मंदिर प्रक्षेत्र में तीन विशेष तांत्रिक स्थल हैं तांत्रिक घाट, दामोदर-भैरवी संगम स्थल, और भंडारीदह। यहां साधक और तांत्रिक गुप्त साधना करते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए। दीपावली की रात श्रद्धालुओं ने 13 हवन कुंडों में यज्ञ, हवन और जाप कर मां की आराधना की। श्रद्धालु पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार समेत कई राज्यों से यहां पहुंचे।
भक्ति और आस्था का संगम
श्रद्धालु कुश ने बताया कि वह हर अमावस्या को माता की आराधना के लिए यहां आते हैं, लेकिन दीपावली का दिन विशेष होता है। मंदिर में भजन-कीर्तन, मंत्रों की ध्वनि और हवन कुंडों से उठती अग्नि की लपटें पूरे माहौल को दिव्य और आध्यात्मिक बना देती हैं।