Mumbai : गढ़चिरौली जिले में बुधवार को माओवादी आंदोलन को बड़ा झटका लगा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति (जिन्हें सोनू, अभय और भूपति नामों से भी जाना जाता है) ने 61 अन्य नक्सलियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। यह ऐतिहासिक आत्मसमर्पण गढ़चिरौली जिला पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने हुआ। भूपति पर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और झारखंड सहित कई राज्यों में कुल 6 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, नक्सल विरोधी अभियान के आईजी संदीप पाटिल और पुलिस महानिदेशक (विशेष कार्रवाई) शेरिंग दोरजे भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस बोले – गढ़चिरौली अब विकास के रास्ते पर
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़चिरौली जिला पिछले 40 सालों से नक्सलवाद की मार झेलता रहा है। इस वजह से यहां विकास की गति रुक गई थी। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। उन्होंने कहा, “कभी यहां के युवाओं को बंदूक उठानी पड़ी, पर अब वे विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण करने वालों के लिए विशेष पुनर्वास नीति बनाई है, जिससे नक्सलवाद की जड़ें कमजोर पड़ रही हैं।”
संघर्षातून संविधानाकडे, गडचिरोलीत ऐतिहासिक आत्मसमर्पण – माओवादाच्या अंताकडे निर्णायक वाटचाल!
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या प्रमुख उपस्थितीत आज गडचिरोली येथे ₹6 कोटींचे बक्षीस असणाऱ्या वरिष्ठ माओवादी कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू भूपतीसह इतर 60 माओवादी सदस्यांनी… pic.twitter.com/8twITrge27
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) October 15, 2025
अमित शाह का लक्ष्य – 2026 तक नक्सलवाद का अंत
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त रणनीति से नक्सली क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि इसी साल 21 मई को छत्तीसगढ़ में हुई बड़ी मुठभेड़ में देश के शीर्ष नक्सली नेता और माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवा राजू समेत 27 नक्सली मारे गए थे। उसके बाद भूपति को नए महासचिव के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन केंद्रीय समिति ने थिप्पारी तिरुपति उर्फ देवजी को यह जिम्मेदारी दी।

शांति वार्ता की अपील के बाद किया आत्मसमर्पण
भूपति ने कुछ महीने पहले एक पर्चा जारी कर केंद्र सरकार से शांति वार्ता की अपील की थी। इसमें उसने हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई थी। इसके बाद से ही उसके आत्मसमर्पण की चर्चा तेज हो गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, भूपति ने पहले गुपचुप तरीके से अधिकारियों से संपर्क किया और आत्मसमर्पण की प्रक्रिया शुरू की। बुधवार को उसने औपचारिक रूप से हथियार डाल दिए।
दो दशकों में 700 से अधिक नक्सली सरेंडर
गढ़चिरौली जिले में पिछले दो दशकों में 700 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भूपति जैसे वरिष्ठ नेता का सरेंडर माओवादी आंदोलन के लिए बड़ा झटका है और आने वाले समय में संगठन की ताकत और घट सकती है।
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