Sahibganj : साहिबगंज जिले के मोकिमपुर पंचायत अंतर्गत शोभापुर गांव में उस समय सनसनी फैल गई जब गंगा नदी के किनारे एक मृत डॉल्फिन बहकर आ गई। डॉल्फिन को देख ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। विभाग की टीम मौके पर पहुंची और डॉल्फिन को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
पोस्टमॉर्टम से होगा मौत का खुलासा
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डॉल्फिन की मौत कैसे हुई, इसका पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा। गंगा डॉल्फिन न सिर्फ एक दुर्लभ प्रजाति है, बल्कि यह भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव भी है। यह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है, यानी इसके शिकार या नुकसान पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
डॉल्फिन शिकार पर वन विभाग की सख्ती
डॉल्फिन के शिकार की आशंका को देखते हुए वन विभाग लगातार निगरानी बढ़ा रहा है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि यदि कहीं डॉल्फिन से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तत्काल जानकारी दें। बताया जाता है कि डॉल्फिन के मांस और तेल की अवैध बिक्री के कारण इसके शिकार की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं। इन्हें रोकने के लिए मछुआरों के साथ मिलकर अभियान चलाया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्तर पर किए गए हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है कि साहिबगंज की गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या में इजाफा हुआ है। यहां 250 से अधिक डॉल्फिन मौजूद होने की संभावना जताई गई है। डॉल्फिन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने चानन गांव में वॉच टावर का निर्माण भी कराया है।
डीएफओ ने दी जानकारी
साहिबगंज के डीएफओ ने बताया कि मृत डॉल्फिन की सूचना मिलते ही टीम को मौके पर भेजा गया था। डॉल्फिन के शव को सुरक्षित रख पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले कुछ डॉल्फिन मछुआरों के जाल में फंसने से भी मारी गई थीं।