Chaibasa : सारंडा जंगल में प्रस्तावित वाइल्डलाइफ सेंचुरी को लेकर गंगदा पंचायत के रोवाम फुटबॉल मैदान में विशाल आमसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान सारंडा क्षेत्र के लगभग 60 गांवों से हजारों की संख्या में महिला और पुरुष पहुंचे। ग्रामीण अपने पारंपरिक हथियारों के साथ सभा स्थल पर मौजूद रहे और एक सुर में सेंचुरी योजना का विरोध किया।
ग्रामीणों का साफ संदेश – सेंचुरी नहीं बनने देंगे
सभा में वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार और सुप्रीम कोर्ट उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं तो आने वाले दिनों में सड़क और रेल यातायात ठप कर दिया जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि वे किसी भी कीमत पर वाइल्डलाइफ सेंचुरी नहीं बनने देंगे, क्योंकि इससे उनकी जमीन, जंगल और जीवन प्रभावित होगा।
केन्द्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह पूरा प्रयास अडाणी समूह को जंगल सौंपने की साजिश है। उनका कहना था कि सरकार विकास और संरक्षण के नाम पर आदिवासियों की जमीन और आजीविका छीनने की कोशिश कर रही है।

हजारों की भीड़, गूंजा विरोध का स्वर
सभा में शामिल लोगों ने कहा कि जंगल और जमीन उनकी पहचान और आजीविका का आधार हैं। यदि इन पर सेंचुरी बनाई गई तो हजारों परिवार विस्थापित हो जाएंगे। ग्रामीणों ने दोहराया कि वे अपने हक और अस्तित्व की रक्षा के लिए आंदोलन को और तेज करेंगे।
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