Johar Live Desk: भारतीय रेलवे को पिछले दो वित्तीय वर्षों में यात्रियों की तरफ से शिकायतों की भारी संख्या का सामना करना पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 और 2024-25 में कुल 61 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। यह जानकारी रेलवे बोर्ड ने आरटीआई के जवाब में दी है, जिसे नीमच (मध्य प्रदेश) के चंद्रशेखर गौड़ ने दायर किया था।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 32 लाख शिकायतें दर्ज की गईं, जो 2023-24 की 28.96 लाख शिकायतों की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक हैं। ट्रेन सेवाओं से जुड़ी शिकायतें 18 प्रतिशत बढ़ीं, जबकि स्टेशन संबंधी शिकायतों में 21 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। सुरक्षा यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी रही। 2023-24 में 4.57 लाख सुरक्षा संबंधी शिकायतें दर्ज हुई थीं, जो 2024-25 में बढ़कर 7.5 लाख से अधिक हो गईं, यानी 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी। दो साल में सुरक्षा से जुड़ी कुल 12.07 लाख शिकायतें हुईं, जो हर चार शिकायतों में से एक हैं।
इलेक्ट्रिकल खराबी और कोच की सफाई से जुड़ी 8.44 लाख शिकायतें सामने आईं, जो कुल ट्रेन शिकायतों का लगभग 16.5 प्रतिशत हैं। पानी की उपलब्धता, स्टाफ का व्यवहार और कैटरिंग सेवाएं भी बड़ी समस्याएं बनीं। समय पर ट्रेन चलने की शिकायतों में सुधार देखा गया, जो 3.25 लाख से घटकर 2.77 लाख रह गईं। कोच सफाई से जुड़ी शिकायतों में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन आंकड़े अभी भी चिंताजनक हैं।

स्टेशन से जुड़ी शिकायतें 2023-24 में 5.55 लाख थीं, जो 2024-25 में घटकर 4.39 लाख हो गईं। बिना आरक्षण टिकटिंग की शिकायतों में सबसे बड़ा सुधार देखा गया, जो 1.93 लाख से घटकर 1.16 लाख रह गईं। टिकट रिफंड, पार्सल-लगेज और स्टाफ व्यवहार की शिकायतों में भी कमी आई।
रेल मदद हेल्पलाइन (139) सबसे अधिक इस्तेमाल की गई, जिसके जरिए 2024-25 में 20 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का भी भारी उपयोग हुआ। रेल मदद ऐप से 4.68 लाख शिकायतें, वेबसाइट से 4.92 लाख शिकायतें और सोशल मीडिया से 2.12 लाख शिकायतें दर्ज की गईं। वहीं, पत्र और ईमेल जैसे पारंपरिक माध्यम लगातार कम हो रहे हैं।
समयपालन और टिकटिंग जैसी कुछ सेवाओं में सुधार के बावजूद सुरक्षा, स्वच्छता और सेवा की गुणवत्ता जैसी मूलभूत समस्याएं अब भी यात्रियों को परेशान कर रही हैं। सिर्फ दो वर्षों में 61.05 लाख शिकायतें यह दिखाती हैं कि बड़े निवेश और आधुनिकीकरण के बावजूद भारतीय रेलवे अपने विशाल यात्री वर्ग को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की बुनियादी गारंटी देने में असफल हो रही है।