Ranchi : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर फिर एकबार बड़ा निशाना साधा। मरांडी ने राज्य के 500 से अधिक बालू घाटों की नीलामी के संबंध में राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमावली पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माफियाओं, बिचौलियों, दलालों के इशारे पर काम कर रही। ऐसा लगता है नियम माफिया, दलाल, बिचौलिए बना रहे और राज्य के मंत्री और वरीय पदाधिकारी उस पर आंख मूंद कर हस्ताक्षर कर रहे।
मरांडी ने कहा कि ऐसा अगर नहीं होता तो फिर राज्य सरकार जो स्थानीय युवकों, बेरोजगारों को निजी संस्थानों में 75% नौकरी दिलाने, 25 लाख तक के ठेका पट्टा स्थानीय युवकों, बेरोजगारों को देने की बात करती है। वही सरकार बालू घाटों की नीलामी, बंदोबस्ती के लिए ऐसी नियम बनाती है जिसमें गरीब, बेरोजगार, आदिवासी, दलित पिछड़े वर्ग के लोग भाग ही नहीं ले सकें।
उन्होंने कहा कि आज भले ही हाई कोर्ट ने पेसा कानून नहीं लागू किए जाने के कारण बालू घाटों की नीलामी पर रोक लगाई है लेकिन हेमंत सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई कि यह सरकार ग्राम सभा को अधिकार नहीं देना चाहती। और माफिया,दलालों के माध्यम से राज्य के खनिज संसाधनों को लूटना और लुटवाना चाहती है।
उन्होंने हेमंत की बालू घाट नीलामी नियमावली पर चर्चा करते हुए कहा कि यह सरकार अब लूट का नया तरीका अपना रही। इसके तहत राज्य सरकार ने बालू घाटों को जिला स्तर पर समूह में बांटा है। जैसे गोड्डा जिला में 16घाट ए समूह में हैं, जामताड़ा में 15घाट ए में और 5 घाट बी समूह में, दुमका जिला में 14 घाट ए,12 बी और 5 सी में, सरायकेला के 4 ए, 7 बी, पूर्वी सिंहभूम के 3 ए और 2 बी, उसी प्रकार गिरिडीह जिला में 3 घाट ए, 2 घाट बी, 3 घाट सी, 6 घाट डी और 2 घाट ई समूह में शामिल हैं।
बाबूलाल ने कहा कि इसमें भी लूट का बड़ा खेल रचा गया है। पहले तो नीलामी की निविदा में आवेदन केलिए 15 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष के टर्न ओवर का शर्त लगाया गया। ठीक उसी प्रकार जैसे कि शराब ठेका केलिए 25 लाख रुपए के नॉन रिफंडेबल शुल्क निर्धारित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह सरकार ऐसे शर्त इसीलिए लगाती है ताकि इसमें आदिवासी, गरीब, बेरोजगार युवक शामिल नहीं हो सकें। सिर्फ वही शामिल हो सकेगा जिसकी सेटिंग और डील पहले ही हो जाती है। उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार को पहले ही पत्र लिखकर चेताया था लेकिन बात नहीं मानने का परिणाम है कि राज्य के एक वरीय आईएएस अधिकारी, सचिव जेल में हैं। आगे भी अगर सरकार नहीं सुधरी तो फिर सचिव जेल जाएंगे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वर्तमान लागू नियम के आधार पर राज्य सरकार अवैध बालू उत्खनन को वैध बनाने की कोशिश कर रही। समूह के एक घाट को भी अगर पर्यावरण की अनुमति मिल जाती है तो पूरे समूह के घाटों से बालू को उठाने का उपाय किया गया है। पूरे बालू घाट को माफियाओं के हवाले करने की साजिश है। उन्होंने सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही और मांग किया कि हेमंत सरकार ग्राम सभा को बालू घाट का अधिकार दे। बाबूलाल मरांडी रांची के भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा उपस्थित रहे।
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