Johar Live Desk : आज की व्यस्त जिंदगी में देर रात तक जागना, मोबाइल-लैपटॉप पर घंटों समय बिताना और अनियमित दिनचर्या आम हो गई है। लेकिन ये आदतें हमारी मेंटल हेल्थ को गंभीर नुकसान पहुंचा रही हैं। नींद की कमी और खराब लाइफस्टाइल न केवल दिमाग की कार्यक्षमता को कम करती हैं, बल्कि तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को भी बढ़ाती हैं।
नींद और मेंटल हेल्थ का गहरा रिश्ता
नींद हमारे दिमाग के लिए ईंधन की तरह है। अच्छी और पूरी नींद तनाव को संभालने और भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करती है। नींद की कमी से व्यक्ति चिड़चिड़ा, बेचैन और थका हुआ महसूस करता है। लंबे समय तक नींद न पूरी होने पर डिप्रेशन और गंभीर मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल का असर
अनियमित खानपान, देर रात तक स्क्रीन टाइम, एक्सरसाइज की कमी और ज्यादा कैफीन या अल्कोहल का सेवन हमारी जैविक घड़ी (Circadian Rhythm) को बिगाड़ देता है। इससे नींद की क्वालिटी खराब होती है, जिसका असर दिमाग और शरीर दोनों पर पड़ता है। अनिद्रा, स्लीप एपनिया और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जैसी समस्याएं नींद छीन लेती हैं, जिससे चिंता, अवसाद और ध्यान की कमी जैसी दिक्कतें बढ़ती हैं। इन समस्याओं को नजरअंदाज करने से मानसिक अस्पष्टता (मेंटल फॉग) बढ़ती है और जीवन की गुणवत्ता कम हो जाती है।
मेंटल हेल्थ सुधारने के आसान उपाय
- निश्चित नींद का समय : रोजाना एक ही समय पर सोएं और उठें।
- स्क्रीन टाइम कम करें : सोने से एक घंटा पहले मोबाइल और कंप्यूटर का उपयोग बंद करें।
- सही खानपान : रात में भारी या मसालेदार भोजन से बचें।
- नियमित व्यायाम : दिन में 30 मिनट की हल्की कसरत नींद को बेहतर बनाती है।
- तनाव प्रबंधन : सोने से पहले योग, ध्यान या गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें।
- डॉक्टर की सलाह : अगर नींद की समस्या बनी रहे, तो विशेषज्ञ से संपर्क करें।
नींद है सबसे बड़ी दवा
विशेषज्ञों का कहना है कि नींद सिर्फ आराम का समय नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ की सबसे बड़ी दवा है। खराब लाइफस्टाइल और नींद की कमी हमें तनाव और डिप्रेशन की ओर ले जा सकती है। सही दिनचर्या, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से नींद को बेहतर बनाकर हम अपनी मानसिक सेहत को लंबे समय तक मजबूत रख सकते हैं।
Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी, सुझाव और सलाह केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रदान की गई है। यह किसी भी प्रकार की पेशेवर चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या उपचार से संबंधित निर्णय लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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