Ranchi : झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ CID की साइबर क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सात खाताधारकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी अपने बैंक खातों को म्यूल अकाउंट के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देकर साइबर ठगों की मदद कर रहे थे। इन खातों में विभिन्न राज्यों से ठगी की भारी-भरकम रकम ट्रांसफर हुई थी। गिरफ्तार आरोपियों में रोशन कुमार, राजेंद्र साव, प्राण रंजन सिंह, जितेंद्र कुमार, न्यूरेज अंसारी, गणेश बड़ाइक और सतीश कुनार शामिल हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि रोशन कुमार के खाते में 10.02 करोड़, राजेंद्र साव के खाते में 67 लाख, प्राण रंजन सिंह के खाते में 1.01 करोड़, जितेंद्र कुमार के खाते में 5 करोड़, न्यूरेज अंसारी के खाते में 5.5 करोड़, गणेश बड़ाइक के खाते में 3.2 करोड़ और सतीश कुनार के खाते में 6.2 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। इन रकमों को कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से ट्रांसफर किया गया था।
मामले की शुरुआत तब हुई जब रांची साइबर डीएसपी नेहा बाला ने 40 संदिग्ध बैंक खातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इनमें से हर खाते में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ था। केस संख्या 89/25 के तहत दर्ज इस एफआईआर के बाद सीआईडी ने जांच तेज की और सात आरोपियों को गिरफ्तार किया।
डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर एनसीआरपी और गृह मंत्रालय के समन्वय पोर्टल की मदद से खातों का विश्लेषण किया गया। इसी प्रक्रिया से इन खातों का पता चला। जांच में कई राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के खाते सामने आए, जिनमें पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बंधन बैंक, इंडसइंड बैंक और आईडीएफसी बैंक भी शामिल हैं। सीआईडी का कहना है कि साइबर अपराधियों को मदद करने वाले खाताधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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