Patna : बिहार के CM नीतीश कुमार ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गांधी मैदान, पटना में झंडोत्तोलन किया और भव्य परेड की सलामी ली। इसके बाद उन्होंने राज्यवासियों को संबोधित किया और अपने 20 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही चुनावी साल में कई बड़ी घोषणाएं करते हुए युवाओं, प्रवासी मजदूरों और उद्यमियों को राहत देने वाले फैसलों का ऐलान किया।
प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस में भारी कटौती
CM नीतीश कुमार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को बड़ी राहत दी है। उन्होंने घोषणा की कि अब प्रारंभिक (Pre) परीक्षाओं में अभ्यर्थियों से केवल ₹100 शुल्क लिया जाएगा, जबकि मुख्य (Mains) परीक्षा में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस कदम से लाखों युवाओं को आर्थिक राहत मिलेगी।
7 जिलों में खुलेंगे नए मेडिकल कॉलेज
CM ने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने के लिए सात नए मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोलने की घोषणा की। ये कॉलेज किशनगंज, कटिहार, अरवल, शिवहर, रोहतास, लखीसराय और शेखपुरा जिलों में स्थापित किए जाएंगे। इससे मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं दोनों को मजबूती मिलेगी।

उद्योग लगाने वालों को डबल सब्सिडी और जमीन
CM ने राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि बिहार में नए उद्योग लगाने वालों को मिलने वाली कैपिटल सब्सिडी, बिहार सब्सिडी और जीएसटी प्रोत्साहन को दोगुना किया जाएगा।
सरकार नए उद्योगों के लिए जमीन भी उपलब्ध कराएगी और यदि उस जमीन पर कोई विवाद होगा, तो उसका तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। यह सुविधा अगले चार महीनों में प्रभाव में लाई जाएगी।
दिवाली-छठ पर प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष बस सेवा
CM ने प्रवासी बिहारियों को भी ध्यान में रखते हुए कहा कि दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़ जैसे शहरों से राज्य सरकार द्वारा विशेष बसें चलाई जाएंगी, ताकि प्रवासियों को घर लौटने में परेशानी न हो। इसके अलावा विशेष ट्रेनों के संचालन के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध भी किया जाएगा।
लालू-राबड़ी सरकार पर भी निशाना
अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने पूर्ववर्ती लालू-राबड़ी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2005 में जब उन्होंने सत्ता संभाली, तब राज्य की स्थिति बेहद खराब थी। कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में उनकी सरकार ने 20 वर्षों में जो काम किए हैं, उनसे बिहार की तस्वीर बदली है।