Patna : बिहार के CM नीतीश कुमार ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में झंडोत्तोलन किया और परेड की सलामी ली। इसके बाद उन्होंने राज्यवासियों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और पूर्ववर्ती लालू-राबड़ी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
#बिहार :: 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह : #पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री @NitishKumar ने ध्वजारोहण किया।#IndependenceDay
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— आकाशवाणी समाचार, पटना (@airnews_patna) August 15, 2025
कानून-व्यवस्था को बताया सर्वोच्च प्राथमिकता
CM ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को जब उनकी सरकार बनी, तब सबसे पहले राज्य में कानून-व्यवस्था सुधारने का कार्य शुरू किया गया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता कानून का राज स्थापित करना रहा है। वर्ष 2005 में पुलिस बल की संख्या केवल 42,481 थी, जो राज्य की जरूरत के हिसाब से बेहद कम थी।”
नीतीश कुमार ने बताया कि उनकी सरकार ने लगातार पुलिस बल की संख्या बढ़ाने का काम किया है। फिलहाल यह संख्या बढ़कर 1,31,000 हो चुकी है, और वर्ष 2023 में इसे 2,29,000 तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि “राज्य में अब अपराध और भय का माहौल नहीं है, लोग देर रात तक बाजारों में आ-जा सकते हैं। हत्या, लूट और अपहरण की घटनाओं में 2005 की तुलना में काफी कमी आई है।”

शिक्षा और स्वास्थ्य पर खास जोर
CM ने कहा कि 2005 से पहले राज्य में शिक्षा व्यवस्था बेहद खराब थी। स्कूलों की संख्या कम थी और शिक्षकों की भारी कमी थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बड़े पैमाने पर स्कूल खोले और नियोजित शिक्षकों की बहाली की।
उन्होंने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से अब तक 2,58,000 शिक्षकों की बहाली की गई है, और जो 58,000 शिक्षक बचे हैं, उनकी भर्ती के लिए भी परीक्षा ली जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को मिलाकर राज्य में अब 5,12,000 शिक्षक कार्यरत हैं।
महिलाओं और युवाओं को मिलेगा लाभ
CM ने कहा कि अगले पांच वर्षों में युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल में भी अब महिलाओं की संख्या काफी बढ़ गई है।
साम्प्रदायिक सौहार्द पर दिया जोर
अपने संबोधन में CM ने कहा कि पहले राज्य में हिंदू-मुस्लिम दंगे होते थे, लेकिन अब स्थिति बदली है। उन्होंने कहा, “हमने कब्रिस्तानों और मंदिरों की घेराबंदी कराई ताकि विवाद न हो। आज राज्य में सभी धर्मों और तबकों का समान विकास हो रहा है।”
उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई है और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को अन्य शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है।
समावेशी विकास पर बल
CM नीतीश कुमार ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि उनकी सरकार की नीति सबका साथ, सबका विकास रही है। उन्होंने सभी वर्गों के लिए काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई और राज्य को आगे ले जाने का संकल्प लिया।
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