Ranchi : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा प्रशिक्षित स्नातक सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 का परिणाम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जारी कर दिया गया। लेकिन जैसे ही रिजल्ट सार्वजनिक हुआ, उसमें कई चौंकाने वाली गलतियां सामने आ गईं।
दो जिलों में एक ही उम्मीदवार का चयन
रिजल्ट में सबसे गंभीर चूक यह रही कि कई उम्मीदवारों को दो-दो जिलों में चयनित दिखाया गया है, जो पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। उदाहरण के तौर पर, अनारक्षित वर्ग के एक पारा शिक्षक को दुमका और पूर्वी सिंहभूम दोनों में जगह मिल गई।
आरक्षण श्रेणियों में गड़बड़ी
इससे भी बड़ी चूक यह है कि कुछ अभ्यर्थियों को दो अलग-अलग आरक्षण कैटेगरी में एक साथ लाभ दे दिया गया। उदाहरण के लिए, पलामू जिले के एक अभ्यर्थी को पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति, दोनों में चयनित दिखाया गया है।
कुछ प्रमुख विसंगतियां
- साहिबगंज (नॉन पारा) – रोल नंबर 119803191 को अनारक्षित और EBC-1 दोनों में चयनित किया गया।
- दुमका और पूर्वी सिंहभूम (पारा) – रोल नंबर 148646869 को दो जिलों में अनारक्षित कोटे में चयन मिला।
- पलामू (गणित एवं विज्ञान) – रोल नंबर 116757074 को BC-2 और ST, दोनों में चयन मिला।
- रामगढ़ (सामाजिक विज्ञान) – रोल नंबर 141567001 को दो कैटेगरी में जगह दी गई।
- सरायकेला-खरसांवा – रोल नंबर 117501829 का नाम गलती से चयन सूची में शामिल कर लिया गया।
- चतरा (पारा) – रोल नंबर 144213408 को भी BC-2 और ST, दोनों में जगह मिली।
अभ्यर्थियों में नाराज़गी
इन गंभीर त्रुटियों के बाद अभ्यर्थी काफी परेशान और नाराज हैं। कई ने सोशल मीडिया और ज्ञापनों के माध्यम से JSSC से स्पष्टीकरण और सुधार की मांग की है।
आयोग की चुप्पी
फिलहाल JSSC की तरफ से इन गड़बड़ियों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मामले ने एक बार फिर आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।