Sahibganj : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के निधन से साहिबगंज जिले सहित पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। शिबू सोरेन को देश के सबसे बड़े आदिवासी नेता के रूप में याद करते हुए केंद्र सरकार से उन्हें भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने की मांग उठी है।
शिबू सोरेन को झारखंड आंदोलन का प्रमुख नायक माना जाता है, जिनके नेतृत्व में अलग झारखंड राज्य का गठन संभव हो सका। लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा गरीब, दबे-कुचले और आदिवासी समुदाय की आवाज को बुलंद किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय सचिव और प्रवक्ता पंकज मिश्रा ने कहा, “शिबू सोरेन के निधन से एक युग का अंत हो गया। उन्होंने हर कार्यकर्ता को भाई और बेटे की तरह प्यार दिया। उनके नेतृत्व में चले आंदोलन ने झारखंड राज्य को नई पहचान दी।”
कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मो. कलीमुद्दीन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “गुरु शिबू सोरेन ने आदिवासियों के हक और अधिकारों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने विश्व पटल पर आदिवासी समुदाय को नई पहचान दिलाई। उनके निधन से एक सदी का अंत हो गया।” झामुमो जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने कहा, “शिबू सोरेन ने समाज के दबे-कुचले लोगों की आवाज बनकर काम किया। उनकी कमी देश को हमेशा खलेगी। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।”
पूर्व भाजपा विधायक अनंत ओझा ने भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “झारखंड आंदोलन के शीर्ष नेता शिबू सोरेन का निधन न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को सम्मान देने के लिए भारत रत्न प्रदान किया जाना चाहिए।” शिबू सोरेन के निधन से झारखंड की राजनीति और समाज में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। लोग उन्हें उनके सादगी भरे जीवन, संघर्ष और समर्पण के लिए हमेशा याद रखेंगे।