Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ED) को 120 दिन बीत जाने के बावजूद अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। यह स्वीकृति राज्य सरकार से मिलनी थी। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल कर जानकारी दी है। जिसमें बताया गया है कि पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनके ओएसडी संजीव लाल और ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व इंजीनियर इन चीफ वीरेंद्र राम के खिलाफ अब तक अभियोजन की अनुमति राज्य सरकार द्वारा नहीं दी गई है। तीनों के खिलाफ अभियोजन को लेकर 120 दिन पहले आदेश राज्य सरकार से मांगा गया था। लेकिन, कोई जवाब नहीं मिलने के कारण इसी को आधार बनाकर एजेंसी ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि सरकार की चुप्पी को “मानी हुई स्वीकृति” (deemed sanction) के रुप में मानते हुए कार्रवाई की अनुमति दी जाए।
एजेंसी ने अपनी याचिका में यह भी उल्लेख किया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले के अनुसार, नवंबर 2024 से सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में मुकदमा शुरू करने से पहले संबंधित सरकार की अनुमति आवश्यक है। इससे पहले ऐसी स्वीकृति की जरूरत नहीं थी। उल्लेखनीय है कि यह मामला करोड़ों रुपये के टेंडर घोटाले से जुड़ा है, जिसमें आरोपी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और अवैध तरीके से धन अर्जित करने के गंभीर आरोप हैं।
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