Purnia : बिहार सरकार खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम उठा रही है। पूर्णिया जिले के भट्टी चौक क्षेत्र में राज्य का तीसरा खादी मॉल बनकर तैयार हो रहा है। 6.64 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह तीन मंजिला मॉल 14,633 वर्गफुट क्षेत्र में फैला होगा और इसका निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से बताया कि मॉल का लगभग 60% काम पूरा हो चुका है और इसे जल्द ही जनता के लिए खोला जाएगा।
पूर्वी बिहार के लिए मील का पत्थर
यह खादी मॉल पूर्वी बिहार के लिए एक मॉडल के रूप में उभरेगा, जो पूर्णिया के साथ-साथ कटिहार, अररिया और किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिलों के कारीगरों और बुनकरों को लाभ पहुंचाएगा। मॉल में हस्तनिर्मित मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ियां, रॉ सिल्क साड़ियां (गोल्डन, क्रम, ब्लू, मरून, मस्टर्ड रंगों में), मटका सिल्क खादी बंदी, जूट से बने पर्यावरण-अनुकूल बैग्स और पर्स, खादी नेचुरल के आयुर्वेदिक स्किन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स (केवीआईसी, आईएसओ और आयुष प्रमाणित) और ‘किसान चाची’ ब्रांड के मिक्स पिकल (आम, नींबू, लहसुन, मिर्च, इमली, यम) जैसे ग्रामोद्योग उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, मधुबनी और बलूचारी शैली की सुनहरी जरी और फ्लोरल बॉर्डर वाली साड़ियां भी ग्राहकों को आकर्षित करेंगी।
स्वरोजगार और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा
पटना और मुजफ्फरपुर में पहले से स्थापित खादी मॉलों की तरह, पूर्णिया का यह मॉल भी गांधीवादी दर्शन पर आधारित होगा। यह स्थानीय कारीगरों, बुनकरों और छोटे उद्यमियों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने का मंच प्रदान करेगा। मॉल में विशेष स्टॉल होंगे, जहां स्थानीय और क्षेत्रीय उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। यह मॉल बिहार की सांस्कृतिक विरासत, जैसे मधुबनी पेंटिंग और बलूचारी साड़ियों, को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करेगा।
निर्माण में देरी, अब 2025 में उद्घाटन की तैयारी
भट्टी चौक के गांगुली पाड़ा में बोर्ड के पुराने कार्यालय को तोड़कर शुरू हुए इस मॉल का निर्माण 2022 में पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन देरी के कारण अब 2025 में इसके उद्घाटन की योजना है। स्थानीय लोगों में पहले इस देरी को लेकर कुछ निराशा थी, लेकिन अब निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो रहा है। सरकार का लक्ष्य इस मॉल को एक आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जो पर्यावरण-अनुकूल और हस्तनिर्मित उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।
युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर
बिहार सरकार का कहना है कि यह मॉल युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा और ग्रामीण उत्पादों को शहरी ग्राहकों तक पहुंचाएगा। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि मॉल समय पर शुरू हो और उत्पादों की गुणवत्ता व आपूर्ति बनी रहे।
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