Patna : बिहार में बढ़ती ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने महत्वपूर्ण पहल की है। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल) ने राज्य के 10 प्रमुख शहरों भागलपुर, पूर्णिया, आरा, छपरा, दरभंगा, गया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना और वैशाली में ट्रैफिक जाम के कारणों का पता लगाने और स्थायी समाधान के लिए सर्वे शुरू करने का फैसला किया है। इस पहल का उद्देश्य यातायात को सुगम बनाना, समय और ईंधन की बर्बादी रोकना तथा शहरी गतिशीलता को बढ़ावा देना है।
18 महीने में तैयार होगी विस्तृत रिपोर्ट
बीएसआरडीसीएल ने इस सर्वे का जिम्मा एक कंसल्टेंट एजेंसी को सौंपने का निर्णय लिया है, जो 18 महीने के भीतर वैज्ञानिक और व्यवस्थित तरीके से ट्रैफिक जाम की समस्याओं का विश्लेषण कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सर्वे में सड़कों की चौड़ाई, जंक्शन सुधार, बायपास या फ्लाईओवर निर्माण, पार्किंग व्यवस्था, पैदल यात्रियों की सुविधा, ऑटो-रिक्शा स्टैंड, बस डिपो और हरित व सुरक्षित आवागमन जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए 2.50 मिलियन डॉलर का बजट निर्धारित किया गया है, और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) मांगी गई है।
ऑनलाइन होगी ईओआई प्रक्रिया
कंसल्टेंट एजेंसी का चयन अगस्त 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा, और इसके बाद सर्वे का कार्य शुरू होगा। ईओआई की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी, और आवेदन 26 अगस्त तक कंसल्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) में पंजीकृत फर्मों से स्वीकार किए जाएंगे। ऑफलाइन या हार्डकॉपी आवेदन मान्य नहीं होंगे।
भागलपुर में प्राथमिकता वाले क्षेत्र
भागलपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या विशेष रूप से गंभीर है। स्टेशन चौक, कचहरी चौक, डिक्सन मोड़, तिलकामांझी, खलीफाबाग, घंटाघर, जीरोमाइल, गुड़हट्टा चौक, आदमपुर चौक, बरारी और नाथनगर जैसे इलाकों में रोजाना घंटों जाम लगता है। सर्वे में इन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क चौड़ीकरण, जंक्शन सुधार, बायपास या फ्लाईओवर निर्माण के साथ-साथ ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने जैसे पर्यावरण-अनुकूल उपायों पर भी जोर दिया जाएगा।
अन्य शहरों में भी गंभीर है समस्या
पटना में संकरी सड़कें, अव्यवस्थित बिजली के तार और जलभराव जाम की प्रमुख वजहें हैं। दानापुर-नेहरू पथ से गोला रोड तक सड़क चौड़ीकरण और जेपी गंगा पथ के विस्तार जैसी परियोजनाएं पहले से प्रस्तावित हैं। मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा, पूर्णिया, आरा, छपरा, मोतिहारी और वैशाली में भी ट्रैफिक जाम एक बड़ी चुनौती है। पूर्णिया और मोतिहारी में बढ़ते शहरीकरण और वाहनों की संख्या ने यातायात दबाव बढ़ाया है, जिसके लिए बायपास और वैकल्पिक मार्गों की जरूरत है। वैशाली में धार्मिक और पर्यटन स्थलों के कारण विशेष उपायों की योजना है।
दीर्घकालिक प्रभाव और महत्व
यह सर्वे बिहार के इन 10 शहरों में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए टिकाऊ और वैज्ञानिक समाधान प्रदान करेगा। सड़क चौड़ीकरण, फ्लाईओवर, बायपास और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से जाम की समस्या कम होने के साथ-साथ ईंधन की बचत, समय की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। बिहार में दोपहिया वाहनों की संख्या राष्ट्रीय औसत (73%) से अधिक है, और सड़क हादसों में राज्य का देश में दूसरा स्थान है, जो ट्रैफिक प्रबंधन की आवश्यकता को रेखांकित करता है। बीएसआरडीसीएल का यह प्रयास बिहार को यातायात प्रबंधन में वैज्ञानिक ऑडिट लागू करने वाला पहला राज्य बना सकता है।
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