Johar Live Desk : थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर गुरुवार सुबह हुई ताजा गोलाबारी ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। कंबोडियाई सैनिकों की गोलीबारी में 12 थाई नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 14 अन्य जख्मी हो गए। जवाब में थाईलैंड ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर F-16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले शुरू कर दिए। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगाया है।
थाईलैंड-कंबोडिया के बीच हवाई हमले शुरू, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच विवादित सीमा क्षेत्र पर गुरुवार सुबह फिर से हिंसा भड़क उठी. थाईलैंड सेना ने कंबोडियाई दो सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए और कंबोडिया ने इसे अखंडता का उल्लंघन बताया. #ThailandCambodiaWAR #MissileAttack… pic.twitter.com/ymeeRnaXkS
— Zee News (@ZeeNews) July 24, 2025
कंबोडिया के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि थाई सैनिकों ने सुबह गोलीबारी शुरू की, जबकि थाई सेना का कहना है कि कंबोडिया ने पहले ड्रोन और फिर तोपों व BM-21 रॉकेटों से हमला किया। इस हमले में थाईलैंड के सुरिन प्रांत में 8 साल के बच्चे नामखोंग बूंटाएंग की मौत हो गई, जबकि सिसाकेट प्रांत में एक पेट्रोल स्टेशन के पास धुआं उठता देखा गया। कंबोडिया ने भी थाई सीमावर्ती कस्बों पर BM-21 रॉकेट दागे।
नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम
हमले के बाद थाईलैंड ने सीमा से सटे 86 गांवों से लगभग 40 हजार नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। कंबोडिया में रहने वाले थाई नागरिकों से तुरंत देश छोड़ने की अपील की गई है। नोम पेन्ह में रॉयल थाईलैंड दूतावास ने कहा, “सीमा पर स्थिति बिगड़ रही है और झड़पें लंबे समय तक जारी रह सकती हैं।”
118 साल पुराना है विवाद
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद 1907 से चला आ रहा है, जब फ्रांस के अधीन कंबोडिया के साथ 817 किमी लंबी सीमा निर्धारित की गई थी। इस सीमा में प्रीह विहार मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा दिखाया गया, जिसका थाईलैंड ने विरोध किया। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा घोषित किया, लेकिन आसपास की जमीन को लेकर विवाद जारी रहा।

2008 में कंबोडिया द्वारा मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल कराने की कोशिश के बाद तनाव बढ़ा। 2011 में हुई हिंसक झड़पों में हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। 2013 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने फिर कंबोडिया के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन सीमा विवाद अब तक अनसुलझा है।
हाल के तनाव और प्रतिबंध
28 मई को एमराल्ड ट्रायंगल क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई भिड़ंत में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। इसके बाद कंबोडिया ने सीमा पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी। थाईलैंड ने कंबोडिया की बिजली और इंटरनेट सेवा रोकने की धमकी दी, जबकि कंबोडिया ने थाई टीवी, फिल्मों और उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया।
थाई PM को गंवानी पड़ी कुर्सी
15 जून को थाईलैंड की तत्कालीन PM पाइतोंग्तार्न शिनावात्रा ने कंबोडिया के नेता हुन सेन से फोन पर बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने थाई सेना के कमांडर की आलोचना की थी। इस बातचीत के लीक होने के बाद थाईलैंड में विवाद हुआ और कोर्ट ने उन्हें पद से हटा दिया। बता दें कि इसे थाईलैंड में गंभीर मामला माना जाता है क्योंकि सेना का वहां काफी प्रभाव है।

आगे क्या :
कंबोडिया ने विवाद को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने की धमकी दी है, लेकिन थाईलैंड ने इसे खारिज कर दिया। दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर नजर रखे हुए है।
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