Johar Live Desk: कक्षा 6 से 8 की नई सामाजिक विज्ञान की किताबों को लोग इंटरनेट पर बहुत पसंद कर रहे हैं। एनसीईआरटी ने इन किताबों को हाल ही में नए सिलेबस के साथ जारी किया है। सोशल मीडिया पर कई लोग कह रहे हैं कि ये किताबें पढ़कर बहुत अच्छा लगा और इनमें ताजगी और सुंदरता है।
इन किताबों में भारत के इतिहास को एक नए नजरिए से दिखाया गया है। पहले की किताबों में विदेशी नजरिए को ज्यादा महत्व दिया जाता था और भारत की अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को उतनी अहमियत नहीं दी गई थी। अब इन किताबों में भारत के प्राचीन समय, संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को अच्छे तरीके से बताया गया है।
एक सोशल मीडिया यूजर ‘Star Boy Tarun’ ने बताया कि उन्होंने कक्षा 6 और 7 की किताबें पढ़ी हैं और उन्हें बहुत अच्छी लगीं। उन्होंने लिखा कि कक्षा 8 की किताब अभी वेबसाइट पर नहीं है, लेकिन बाकी किताबों से ही साफ हो जाता है कि बहुत अच्छा बदलाव किया गया है।
इन किताबों में भारत के पुराने नाम जैसे “भारत” और “जम्बूद्वीप” का ज़िक्र है। इसमें ऋग्वेद, सप्त सिंधु, विष्णु पुराण, वेद, वैदिक देवता और उपनिषद जैसे प्राचीन ग्रंथों के बारे में भी बताया गया है। एक अध्याय में भारत की सांस्कृतिक जड़ों की बात की गई है, जिसमें हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म की जानकारी दी गई है। भारत की नदियों और पहाड़ों को भी धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिए से समझाया गया है।
कई लोग जो पहले सरकार की शिक्षा नीति की आलोचना करते थे, उन्होंने भी इस बदलाव की तारीफ की है। एक व्यक्ति ने लिखा, “मैं अक्सर सरकार की आलोचना करता हूं, लेकिन यह बदलाव वाकई अच्छा लगा।”
इस पोस्ट को अब तक लगभग 8 लाख बार देखा जा चुका है और हजारों लोगों ने इसे पसंद किया है। अधिकतर लोगों ने कहा कि अब बच्चों को सच्चा भारतीय इतिहास पढ़ाया जाएगा। किसी ने कहा कि “अब झूठी कहानियों की सफाई शुरू हो गई है,” तो किसी और ने लिखा, “अब दोबारा स्कूल जाने का मन करता है।”
कई लोगों ने इसे 2014 से अब तक का सबसे अच्छा काम बताया है।