Johar Live Desk : करीब 23 घंटे के रोमांचक सफर के बाद 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया तट के पास सफलतापूर्वक समुद्र में स्प्लैशडाउन हुआ। 20 दिन तक अंतरिक्ष में रहकर उन्होंने न सिर्फ विज्ञान की नई इबारतें लिखीं, बल्कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा के अगले अध्याय गगनयान मिशन को भी नई दिशा दी।
अंतरिक्ष में किया भारत का नाम रोशन
शुभांशु शुक्ला, 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने। 1984 में राकेश शर्मा के बाद यह भारत की सबसे बड़ी उपस्थिति थी। एक्सियम स्पेस, NASA, ISRO और SpaceX के सहयोग से चले इस Axiom Mission-4 में भारत ने 548 करोड़ रुपये में एक सीट खरीदी थी।
18 दिनों के प्रवास के बाद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और पूरे दल के पृथ्वी पर लौटते हुए।pic.twitter.com/0Zhhfieeux
— Ocean Jain (@ocjain4) July 15, 2025
ऐतिहासिक क्षण
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 मिशन की टीम 18 दिनों के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) प्रवास के बाद ड्रैगन अंतरिक्ष यान से प्रशांत महासागर में सुरक्षित उतरी।#ShubhanshuShukla | #AxiomMission4 | #Axiom pic.twitter.com/RnWdu7As2p
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) July 15, 2025
अंतरिक्ष में वैज्ञानिक प्रयोगों की झड़ी
शुभांशु ने 20 दिन की यात्रा में 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें भारत के 7 प्रमुख प्रयोग भी शामिल थे:
- अंतरिक्ष में मेथी और मूंग उगाने की कोशिश
- स्पेस माइक्रोएल्गी पर काम
- हड्डियों की सेहत पर प्रभाव का अध्ययन
प्रधानमंत्री और छात्रों से जुड़े
28 जून को उन्होंने ISS से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की और भारत को अंतरिक्ष से भव्य बताया। पीएम ने मज़ाकिया अंदाज़ में पूछा – “गाजर का हलवा साथियों को खिलाया?” शुभांशु ने मुस्कराकर जवाब दिया – “हां, साथ बैठकर खाया।”
इतना ही नहीं, 3, 4 और 8 जुलाई को शुभांशु ने 500 से ज्यादा भारतीय छात्रों से हैम रेडियो के जरिए संवाद किया। इसका मकसद था युवाओं में STEM विषयों के प्रति रुचि जगाना।
ISRO से गगनयान मिशन पर चर्चा
6 जुलाई को उन्होंने ISRO चीफ डॉ. वी. नारायणन और अन्य अधिकारियों के साथ संवाद कर गगनयान मिशन के लिए सुझाव साझा किए। माना जा रहा है कि उनका अनुभव इस महत्वाकांक्षी भारतीय मिशन में बड़ी भूमिका निभाएगा।
पृथ्वी की शानदार तस्वीरें और अनुभव
ISS के कपोला मॉड्यूल से ली गई पृथ्वी की अनमोल तस्वीरें उन्होंने दुनिया के साथ साझा कीं। उन्होंने कहा, “धरती को सात खिड़कियों से देखना एक आध्यात्मिक अनुभव था।”