Johar Live Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार शुल्कों को लेकर फिर से सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने ब्रिक्स समूह की आलोचना करते हुए तांबे पर 50 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की है। तांबा भारत से अमेरिका का एक महत्वपूर्ण निर्यात उत्पाद है। भारत इस बात की उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही कोई व्यापार समझौता होगा, जो इन शुल्कों को कम या हटाएगा। इसके लिए कुछ सप्ताह से बातचीत भी चल रही है।
फार्मा पर भी भारी शुल्क का खतरा
ट्रंप ने फार्मास्यूटिकल्स (दवाइयों) पर भी 200 फीसदी तक शुल्क बढ़ाने की बात कही है। हालांकि इसके लिए उन्होंने कहा कि वे एक साल तक इंतजार करेंगे। दवाइयां भारत का एक बड़ा निर्यात क्षेत्र हैं, जिनका मुख्य उत्पादन हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में होता है। 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 9.8 अरब डॉलर की दवाइयां निर्यात कीं, जो पिछले साल से 20 फीसदी अधिक है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात बाजार है।
भारत का तांबा निर्यात और अमेरिकी बाजार
2024-25 में भारत ने वैश्विक स्तर पर 2 अरब डॉलर के तांबे और तांबा उत्पादों का निर्यात किया। इसमें से अमेरिका को निर्यात 36 करोड़ डॉलर का था, जो कुल का 17 फीसदी है। अमेरिका भारत का तीसरा सबसे बड़ा तांबा निर्यात बाजार है। तांबा ऊर्जा, विनिर्माण और बुनियादी ढांचे में उपयोगी खनिज है। नए टैरिफ से अमेरिकी मांग में कमी आई तो घरेलू उद्योगों पर असर पड़ सकता है।
ब्रिक्स पर ट्रंप की तीखी टिप्पणी
ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की नापसंदगी दोहराते हुए कहा कि इन देशों को 10 फीसदी टैरिफ देना होगा। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की स्थापना अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर की मजबूती को कमजोर करने के लिए हुई है। ब्रिक्स के 11 सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, यूएई और इंडोनेशिया शामिल हैं।
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