Patna : बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब बिहार में पारंपरिक खेती के साथ-साथ हल्दी और ओल की खेती करके किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। भोजपुर जिले में उद्यान विभाग ने 40 एकड़ में हल्दी और 10 एकड़ में ओल की खेती का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार किसानों को 40-50% तक सब्सिडी दे रही है। यह योजना भोजपुर सहित बिहार के 12 अन्य जिलों अररिया, बक्सर, गोपालगंज, कटिहार, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, पूर्णिया, सिवान, सुपौल और सारण में लागू है।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
उद्यान निदेशक दिवाकर भारती के अनुसार ओल की खेती के लिए प्रति एकड़ 2,81,600 रुपये की लागत पर 1,40,000 रुपये तक का अनुदान मिलेगा। हल्दी की खेती के लिए 40,000 रुपये की लागत पर 20,000 रुपये और अदरक की खेती के लिए 82,000 रुपये की लागत पर 41,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, हल्दी की खेती के लिए 2,23,000 रुपये की लागत पर 1,15,000 रुपये तक का अनुदान उपलब्ध है।
क्यों है यह खास?
भोजपुर को धान के कटोरे के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब हल्दी और ओल जैसी नकदी फसलों से यह जिला नई पहचान बना रहा है। इन फसलों की बाजार में मांग बढ़ रही है, जिससे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी।
कैसे उठाएं योजना का लाभ?
किसान बिहार उद्यान विभाग की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ‘अंतर्वर्ती फसल कार्यक्रम’ के तहत आवेदन कर सकते हैं। आवेदन फॉर्म में आधार नंबर, बैंक खाता और खेती की जानकारी भरें। दस्तावेज अपलोड करने के बाद फॉर्म जमा करें। अनुदान की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में डीबीटी के जरिए आएगी। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी उद्यान विभाग कार्यालय से संपर्क करें।
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