Ranchi : जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), रांची द्वारा गुरुवार को रूगढ़ीगढ़ा मधुकम क्षेत्र में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नालसा की दो प्रमुख योजनाओं – ‘साथी’ और ‘डॉन’ पर आधारित था।
नशा मुक्ति पर ज़ोर
एलएडीसी डिप्टी राजेश कुमार सिन्हा ने ‘डॉन’ योजना के तहत एनडीपीएस एक्ट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि नशामुक्त समाज बनाना डालसा का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए गली, मोहल्लों और कस्बों में लगातार कैंप लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने युवाओं और बच्चों से अपील की कि वे नशे से दूर रहें, क्योंकि नशीले पदार्थ मानसिक बीमारियों और अपराध की ओर ले जाते हैं।
बेसहारा बच्चों को मिले सहारा
‘साथी’ योजना पर बोलते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि निराश्रित और बेसहारा बच्चों को आश्रय और सहायता देना डालसा की प्राथमिकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि उनके आसपास कोई ऐसा बच्चा हो तो उसे चिन्हित कर टोल फ्री नंबर 15100 पर सूचित करें, जिससे उसे सहायता मिल सके।
मध्यस्थता अभियान का भी उल्लेख
उन्होंने बताया कि झालसा के निर्देश पर 1 जुलाई से 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत वादकारी अपने मामलों का समाधान मध्यस्थता के माध्यम से जल्दी और बिना शुल्क के कर सकते हैं। न्यायालयों के माध्यम से नोटिस भेजे जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक वादों का निपटारा हो सके।
सरकारी योजनाओं की जानकारी
पीएलवी पी.के. उपाध्याय ने वृद्धा और विधवा पेंशन की जानकारी दी, जबकि ममता कुमारी और सुरज वर्मा ने “मईंया सम्मान योजना” और अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।
सैकड़ों बच्चों की पहचान
डालसा सचिव रवि कुमार भास्कर ने बताया कि ‘साथी’ योजना के तहत अब तक 1200 से अधिक बेसहारा बच्चों की पहचान कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया है। इसके साथ ही कार्यक्रम के अंत में डालसा की टीम द्वारा जागरूकता से जुड़े पम्पलेट और लिफलेट भी वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम में एलएडीसी डिप्टी राजेश कुमार सिन्हा, पीएलवी पी.के. उपाध्याय, ममता कुमारी, सुरज कुमार वर्मा, एनजीओ से रीतू खलखो और सन्नी कुमार राम समेत कई लोग उपस्थित थे।
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