Ranchi : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश पर और न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष के मार्गदर्शन में रांची स्थित गोसनर कॉलेज में गुरुवार को नालसा स्कीम-2025 ‘डॉन’ के तहत एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति चेतना जागृत करना और नशामुक्त समाज की दिशा में प्रयास को मजबूत बनाना था।
कार्यक्रम में एलएडीसीएस डिप्टी चीफ राजेश कुमार सिन्हा, लाइफ सेवर्स से अतुल गेरा, सीआईडी से रिजवान अंसारी, एनसीबी से राकेश गोस्वामी, सीडब्ल्यूसी सदस्य आरती कुमारी, पीएलवी प्रहलाद उपाध्याय, सम्पा दास, भारती देवी और कॉलेज के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुए।
छात्रों को किया गया जागरूक
अतुल गेरा ने नशे के व्यापक प्रभावों की चर्चा करते हुए कहा कि नशा युवाओं को धीरे-धीरे अंधेरे में धकेल रहा है। नशे के पेडलर छात्रों को लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं, जिससे युवाओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
वहीं राजेश कुमार सिन्हा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 का हवाला देते हुए बताया कि यह राज्य को निर्देशित करता है कि वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मादक पदार्थों के सेवन को समाप्त करने का प्रयास करे। उन्होंने NDPS अधिनियम 1985 के तहत सख्त दंड प्रावधानों की जानकारी दी, जिसमें 20 साल तक का कठोर कारावास और 2 लाख रुपये तक जुर्माना शामिल है। उन्होंने बताया कि बार-बार अपराध करने वालों को मृत्युदंड तक दिया जा सकता है।
उन्होंने कांके के पुनर्वास केंद्र, सीआईपी, रिनपास और जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा संचालित लीगल एड क्लिनिक की भी जानकारी दी, जो नशा करने वालों के इलाज में मदद करते हैं। साथ ही, नालसा के टोल फ्री नंबर 15100 के उपयोग पर बल दिया।
अधिकारियों की अहम बातें
एनसीबी के राकेश गोस्वामी और सीआईडी के रिजवान अंसारी ने बताया कि झारखंड में नशे की समस्या गहरी होती जा रही है और तस्करी के गिरोह छात्रों और बच्चों को अपने नेटवर्क का हिस्सा बना रहे हैं। संसाधनों की कमी से अधिकतर तस्कर कानून की पकड़ से बाहर रहते हैं।
सीडब्ल्यूसी सदस्य आरती कुमारी ने बताया कि कई बार नशे की लत 16 वर्ष से कम उम्र में ही शुरू हो जाती है, जिससे परिवार और समाज दोनों प्रभावित होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि रांची में नशा नियंत्रित हो जाए तो अपराध दर में 70% तक की कमी लाई जा सकती है।
नशामुक्त समाज की दिशा में संकल्प
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी नशे के दुष्प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डाला और छात्रों से अपील की कि वे नशे के खिलाफ लड़ाई में सहभागी बनें। कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
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