Ranchi : रांची में सिरमटोली चौक से लेकर कांटाटोली चौक तक सड़क किनारे बसे पुराने आदिवासी मोहल्लों की पारंपरिक पहचान को फिर से सामने लाने की मांग जोर पकड़ रही है। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की रांची महानगर शाखा ने इस संबंध में DC मंजूनाथ भजंत्री को ज्ञापन सौंपा है।
परिषद का कहना है कि फ्लाईओवर और नई कॉलोनियों के निर्माण से इन मोहल्लों के पारंपरिक नाम अब या तो बदल दिए गए हैं या पूरी तरह से गुम हो चुके हैं, जिससे आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक पहचान पर असर पड़ रहा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि इन मोहल्लों के पारंपरिक नामों को सड़क किनारे बोर्ड लगाकर दिखाया जाए, ताकि लोग इन्हें पहचान सकें और उनका सही उच्चारण व अर्थ बना रहे।
ज्ञापन में जिन मोहल्लों की पहचान फिर से स्थापित करने की मांग की गई है, उनमें शामिल हैं — सिरम टोली, लाल सिरम टोली, गुंगु टोली, नया टोली, चुनवा टोली, टंगटंग टोली, पथलकुदवा, अमृत बाग, साहू टोली, धुमसा टोली, मकचुंद टोली, बसर टोली, कठर टोली और बिशप लॉज। परिषद ने कहा कि ये सभी मोहल्ले अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं, इसलिए इनकी पारंपरिक पहचान को बहाल करना जरूरी है।
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