Palamu : पलामू पुलिस ने जिले में नशा विरोधी जनजागरूकता अभियान की शुरुआत करते हुए युवाओं को नशे से दूर रहने और शिक्षा के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया है। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को नशे की गिरफ़्त में जाने से रोकना और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना है।
पलामू की पुलिस अधीक्षक रीश्मा रमेशन (IPS) ने इस अभियान की जानकारी साझा करते हुए कहा कि सिगरेट जैसी मामूली आदतें ही अक्सर नशे की खतरनाक लत की पहली कड़ी बनती हैं, जो शराब, गांजा और फिर घातक सिंथेटिक ड्रग्स की ओर ले जाती हैं। उन्होंने चेताया कि इसका अंत अक्सर मौत या जेल जैसी गंभीर स्थिति में होता है।
एसपी रीश्मा रमेशन ने कहा, “नशे के सौदागर युवाओं के भविष्य के सबसे बड़े दुश्मन हैं। हम केवल कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि चेतना का आंदोलन चला रहे हैं। पलामू पुलिस हर कीमत पर युवाओं को बचाना चाहती है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि NDPS Act 1985 के तहत किसी भी प्रकार के नशे का सेवन, व्यापार या संग्रह करना एक गंभीर अपराध है, जिसकी सजा 10 से 20 साल की कैद और लाखों रुपये का जुर्माना हो सकती है।
अभियान में इस बात पर जोर दिया गया कि “एक बार ट्राय करो” जैसी बातें युवाओं को भ्रमित करती हैं, लेकिन यह एक खतरनाक झांसा है, जो धीरे-धीरे उनकी जिंदगी को नष्ट कर देता है।
अभियान के अंत में युवाओं को प्रेरित करते हुए दिया गया यह संदेश :
“ड्रग्स कोई स्टाइल नहीं, यह एक जुर्म है। नशे से बचिए, सपनों से जुड़िए।”
पलामू पुलिस का यह प्रयास न केवल कानून-व्यवस्था के प्रति सजगता को दर्शाता है, बल्कि समाज के प्रति उसकी संवेदनशील जिम्मेदारी का भी प्रमाण है। स्थानीय युवाओं और अभिभावकों ने पुलिस की इस पहल की सराहना की है।