Bodh Gaya : बिहार-झारखंड की सीमा पर पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। नॉन स्टॉप बारिश के कारण नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिससे 40 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बोधगया के मुहाने नदी में अचानक आए पानी के सैलाब ने नदी के किनारे बसे कई गांवों को अपनी जद में ले लिया है। कई घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों का सामान और राशन बर्बाद हो गया। साथ ही खेतों में लगी मूंग की फसल पूरी तरह तबाह हो गई। बारिश के तेज बहाव ने बसाढी पंचायत के बतसपुर गांव को छाछ से जोड़ने वाली मुख्य सड़क को भी तोड़ दिया, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है। बोधगया में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
प्रशासन का राहत कार्य शुरू
प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचे बोधगया के सीओ महेश कुमार ने बताया कि बाढ़ के पानी को निकालने के लिए टूटी सड़क को और काटा गया है, ताकि पानी तेजी से निकल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रात में भारी बारिश होती है तो जान-माल का नुकसान हो सकता है। एहतियात के तौर पर प्रशासन सतर्क है। पूर्व में तत्कालीन डीएम द्वारा बनाए गए बांध को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया गया था, और अब शीघ्र ही राहत के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। घरों में हुए नुकसान और फसलों की क्षति का आकलन भी शुरू कर दिया गया है।
कई जानवर बह गए, लोग बेघर
गांव वालों ने बताया कि पानी के तेज बहाव में कई जानवर बह गए। अचानक आए सैलाब से डरकर लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भागे। एक ग्रामीण ने कहा, “नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पूरा घर पानी में डूब गया। राशन और सामान सब बर्बाद हो गया।” लोग अब प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत सामग्री वितरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्थिति पर नजर रखने के लिए टीमें तैनात की गई हैं।
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