Ranchi : झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को राज भवन में आयोजित बंगाल स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर झारखंड में रह रहे बंगाली समुदाय को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता की प्रशंसा करते हुए कहा कि “विविधता में एकता” भारत की सबसे बड़ी शक्ति है और यह विश्व के लिए एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं, परंपराओं और संस्कृतियों का संगम है। “हमें न केवल अपनी भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए, बल्कि अन्य राज्यों की भाषा और संस्कृति का भी आदर करना चाहिए,” उन्होंने कहा। इसी क्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” अभियान को एक दूरदर्शी पहल बताया, जो राज्यों के बीच एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
उन्होंने झारखंड और बंगाल के आपसी संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये दो राज्य केवल भौगोलिक रूप से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में रह रहे बंगाली समुदाय ने राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति में सराहनीय योगदान दिया है।
राज्यपाल ने बंगाल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की सराहना करते हुए कहा कि यह भूमि रचनात्मकता, विचार और सांस्कृतिक चेतना की भूमि रही है। उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर, शरतचंद्र चट्टोपाध्याय, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जैसे साहित्यकारों और राजा राम मोहन राय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे समाज सुधारकों और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद किया।
उन्होंने कहा कि बंगाली समाज ने परंपरा और आधुनिकता के संतुलन का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह सम्पूर्ण भारत के लिए प्रेरणादायक है। राज्यपाल ने दुर्गा पूजा और काली पूजा जैसे पर्वों के उल्लासपूर्ण आयोजन की भी सराहना की और कहा कि बंगाल सांस्कृतिक ही नहीं, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से भी देश के अग्रणी राज्यों में से एक रहा है।
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